श्रद्धा मर्डर केस में कोर्ट ने आफताब की पुलिस रिमांड चार दिन बढ़ा दी है। आफताब के वकील (लीगल ऐड काउंसल) अबिनाश कुमार के मुताबिक उसके परिवार ने उसे फिलहाल किसी भी तरह की कानूनी मदद नहीं दी है। हालांकि सोमवार को उसकी परिवार से बात कराई गई है।
दैनिक भास्कर से बातचीत में अबिनाश ने कहा कि चार्जशीट आने तक ये बता पाना मुश्किल है कि पुलिस के पास आफताब के खिलाफ क्या सबूत हैं। जब तक वो दोषी साबित नहीं हो जाता ये नहीं कहा जा सकता कि मर्डर उसी ने किया है। अबिनाश ने ये भी कहा कि अभी हुई कुछ मुलाकातों में वो काफी डीसेंट और शांत लड़का लगा, लगता नहीं कि उसने ऐसा किया होगा।
अबिनाश ने बताया कि आज सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए हुई पेशी के दौरान जज ने सबसे पहले आफताब से उसका हालचाल पूछा। जज ने ये भी कन्फर्म किया कि कहीं उस पर दबाव डालकर तो बयान नहीं लिए जा रहे हैं, आफताब ने ऐसे किसी भी दबाव से इनकार कर दिया।
जज ने आफताब से पूछा कि क्या वो मानसिक रूप से स्वस्थ है और क्या उसे प्रताड़ित तो नहीं किया जा रहा है। आफताब ने अदालत को बताया कि वो पूरी कार्रवाई को समझ रहा है और पुलिस की पूरी मदद कर रहा है।
आफताब ने अदालत में जुर्म कबूल नहीं किया
आफताब की पेशी के बाद मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से ये खबर भी आई थी कि उसने कहा है कि हीट ऑफ द मोमेंट में उसने श्रद्धा की हत्या की थी।
वकील ने कहा- आफताब ने नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट की मंजूरी दी
अबिनाश के मुताबिक जिस दिन उससे पूछा गया था उसी दिन उसने नार्को टेस्ट के लिए मंजूरी दे दी थी। हालांकि पुलिस ने उसे अभी तक हॉस्पिटल विजिट नहीं कराया है। उसने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए भी सहमति दे दी है। आफताब ने अबिनाश से कहा है कि वो अपनी मर्जी से ऐसा कर रहा है क्योंकि वो पुलिस की जांच में पूरा सहयोग करना चाहता है।
आफताब का केस लड़ना चुनौती भरा काम है
अबिनाश ने आगे कहा, ‘’मैं आफताब का बचाव कर रहा हूं। मैं जानता हूं कि ये एक चुनौतीपूर्ण मुकदमा है। जब तक मेरे सामने चार्जशीट नहीं होगी मैं ये नहीं बता पाऊंगा कि उसे डिफेंड करना कितना मुश्किल होगा। हां, ये जरूर है कि इस मामले में लोग आफताब के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और भावनाएं भी प्रभावित हुई हैं।’’
अबिनाश के मुताबिक दिल्ली पुलिस ठोस जांच कर रही है और CBI जांच की मांग करना सही नहीं है। चार्जशीट मिलते ही मैं आफताब की जमानत याचिका डालूंगा। आफताब से आज भी मेरी बंद कमरे में बात हुई है। मैंने उसे जो सलाह दी है उससे वो संतुष्ट है। आफताब ने कहा कि मैं चाहता हूं कि आप ही मेरे वकील रहें, मुझे कोई और वकील नहीं करना है।
क्या श्रद्धा के बारे में आफताब से आपकी बात हुई?
इस सवाल पर अबिनाश ने बताया कि अभी आफताब से श्रद्धा के बारे में कोई बात नहीं हुई है। हो सकता है कि अगली मुलाकातों के दौरान मैं उससे इस बारे में पूछूं। आज जब उससे बात हुई तो पुलिस भी वहां खड़ी थी। ऐसे में इस बारे में हम कोई बात नहीं कर पाए। न ही मुझे ये सवाल करना सही लगा और न ही वो जवाब देने में बहुत कम्फर्टेबल होता।
क्या आप आफताब के परिवार के संपर्क में है? आपकी उनसे कोई बात हुई है?
इस सवाल पर अबिनाश दावा करते हैं कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें अनाधिकारिक रूप से बताया है कि सोमवार को आफताब की उसके परिवार से बात कराई गई है। मैं भी अदालत में एक याचिका दायर करके आफताब के परिवार से मिलने की मंजूरी लूंगा। अगर मैं सीधे आफताब के परिवार से मिलने की कोशिश करूं तो शायद दिल्ली पुलिस रोक दे, ऐसे में अदालत से आदेश लेकर उसके परिवार से मिलूंगा।
क्या ड्रग्स लेता था आफताब, कई तरह की अफवाहें चल रही हैं?
इस सवाल के जवाब में अबिनाश ने कहा कि मैं आफताब से आमने-सामने मिला हूं। उसे देखकर ये कहना मुश्किल है कि वो ड्रग्स लेता होगा। जो ड्रग्स के आदी होते हैं, उनके फिजिकल अपीयरेंस से पता चल जाता है। आफताब को देखकर ये नहीं लगता कि वो ड्रग एडिक्ट है।
अबिनाश ने बताया कि मैंने अभी आफताब से ये नहीं पूछा है कि उसने ये हत्या की है या नहीं। आफताब के पुलिस को गुमराह करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर वो पुलिस को गुमराह कर रहा होता तो नार्को टेस्ट की मंजूरी क्यों देता। उसके पास ना कहने का अधिकार है। आफताब के बारे में बहुत अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
अबिनाश कहते हैं कि आफताब अभी पुलिस की रिमांड में है, ऐसे में उससे बहुत बात नहीं हुई, जैसे ही उसे न्यायिक हिरासत मिलेगी, मैं उससे लंबी बात करूंगा। चार्जशीट फाइल होने के बाद केस में नया मोड़ आएगा। तब ये और भी अहम हो जाएगा। मेरे लिए हालात और चुनौतीपूर्ण हो जाएंगे, लेकिन मैं इस केस को लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हूं और आफताब का हर संभव बचाव करूंगा।
कौन है वकील अबिनाश कुमार?
अबिनाश कुमार ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से LLB और LLM की डिग्री ली है और MBA की पढ़ाई भी की है। वो पिछले 12 सालों से वकालत कर रहे हैं। इस समय वो दिल्ली हाईकोर्ट में वकील हैं। आफताब का मुकदमा लेने से पहले अबिनाश मुजफ्फरपुर बालिका शेल्टर होम केस में भी काउंसिल थे।