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नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र में सभी 9 ग्रहों का विशेष महत्व है. शनि ग्रह की चाल सबसे धीमी होती है. ये किसी एक राशि से दूसरी राशि में जाने में ढाई साल का समय लगाते हैं. ऐसे में शनि किसी एक राशि में गोचर के बाद करीब 30 वर्ष बाद ही दुबारा आते हैं. ज्येतिष के मुताबिक, शनिदेव करीब 30 साल बाद फिर से कुंभ राशि में आ रहे हैं. 29 अप्रैल को शनि देव मकर राशि की अपनी यात्रा को 30 साल के लिए विराम देंगे. शनि के इस राशि परिवर्तन से कुछ राशियों पर साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी. जबकि कुछ राशियों से शनि की दशा खत्म हो जाएगी. आइए जानते हैं किस राशि पर कैसा रहेगा शनि का प्रकोप.
इन 2 राशियों पर रहेगी शनि की ढैय्या
शनि के कुंभ राशि में गोचर से 2 राशियों पर शनि की ढैय्या शुरू होने वाली है. दरअसल कर्क और वृश्चिक राशि राशि पर ढैय्या शुरू हो जाएगी. इस वक्त तुला और मिथुन राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है. ज्योतिषियों के मुताबिक तुला राशि में शनि उच्च के होते हैं, जबकि मेष राशि में नीच के माने जाते हैं. साथ ही शनि को मकर और कुंभ राशि का स्वामी माना जाता है. शनि की महादशा 19 वर्षों तक चलती है. कुंडली में जब शनि शुभ और मजबूत स्थिति में होता है तो व्यक्ति को उच्च पद, सम्मान और पैसा प्राप्त होता है.
इन पर शुरू होगी शनि की साढ़ेसाती
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव विगत 2 साल से अधिक समय से मकर राशि में मौजूद हैं. ऐसे में धनु, मकर और कुंभ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है. आगामी 29 अप्रैल को जैसे ही शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, मीन राशि पर शनि की साढ़साती शुरू हो जाएगी, जबकि धनु राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी. इसके अलावा मकर राशि पर शनि का अंतिम चरण और कुंभ राशि पर दूसरा चरण शुरू हो जाएगा.