काशी के बाद राजस्थान में भी उठी 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश की मांग, सीएम को लिखा पत्र

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जयपुर। काशी और वाराणसी के बाद अब राजस्थान में भी 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य आयोजन को लेकर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग उठने लगी हैं। इसे लेकर व्यापारिक व सामाजिक संगठन मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को पत्र लिख आग्रह कर चुके है।

राजस्थान ब्राह्माण महासभा के साथ जयपुर व्यापार महासंघ सहित कई सामाजिक संगठनों ने ने प्रदेश सरकार से सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है। सनातन संस्कृति रक्षक संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष पारासर का कहना है कि अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के भव्य आयोजन के एक-एक क्षण को उत्सव की तरह मनाने के लिए राजस्थान भी बहुत उत्साहित हैं। इसलिए इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। इसके लिए हमने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा केा पत्र लिखकर आग्रह किया है।

गौरव व सम्मान का दिन
जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल व कोषाध्यक्ष सौभागमल अग्रवाल ने बताया कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर देशभर में उल्लास है। भगवान रामलला अयोध्या में विराजमान होने वाले हैं। यह दिन संपूर्ण भारत के लिए बहुत गौरव और सम्मान का हैं। इसलिए इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए।

प्राण प्रतिष्ठा के पल का साक्षी बनना चाहते हैं लोग
अखिल भारतीय नाटाणी परिवार समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ताराचन्द नाटाणी व उपाध्यक्ष विनोद नाटाणी आदि ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्र लिख आग्रह किया है कि 22 जनवरी को राज्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए, ताकि प्रदेश का आमजन भी इस एतिहासिक पल को देख सके। साथ ही प्रदेश के प्रत्येक नागरिक में मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्रीराम के आदर्शो व संस्कारों का सींचन हो सके। समिति के गोविंद नाटाणी ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पल को प्रत्येक भारतवासी साक्षी बनने की चाह रखता है।

संतों ने लिखा केन्द्र को पत्र
काशी के संतों ने भारत सरकार को पत्र लिखकर पहले ही इस 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की हैं। अखिल भारतीय संत समिति ने लिखा कि 500 वर्षों का हमारा संघर्ष रहा है। बरसों इस दिन के लिए तपस्या की हैं। अब जब यह दिन निकट ही हैं तब इसे उत्साह के साथ मनाने के लिए अवकाश भी घोषित किया जाए।