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लखनऊ। एनआईए ने बलिया में नक्सलियों के 11 ठिकानों पर शनिवार को छापा मारा, जहां से तमाम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और नक्सली साहित्य बरामद किया गया है। इसके अलावा बिहार के कैमूर जिले के एक ठिकाने को भी खंगाला गया है। एनआईए ने यह कार्रवाई बीते वर्ष यूपी एटीएस द्वारा बलिया में पकड़े गए पांच नक्सलियों पर दर्ज केस को टेकओवर करने के बाद की है।
एनआईए के प्रवक्ता के मुताबिक छापों के दौरान मोबाइल फोन, सिम कार्ड और मेमोरी कार्ड भी बरामद हुए हैं। बता दें कि एनआईए ने 10 नवंबर 2023 को इस केस को टेकओवर किया था, जिसकी जांच के बाद सीपीआई (माओवादी) संगठन के चार सदस्यों के खिलाफ बीते 9 फरवरी को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। एनआईए की जांच में सामने आया है कि प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सहित उत्तरी राज्यों में फिर से सक्रिय होने का प्रयास कर रहा है। सीपीआई (माओवादी) के नेता, कैडर और सहानुभूति रखने वाले/ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) इस क्षेत्र में संगठन को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं।
खतरनाक हथियार मिले थे
बता दें कि यूपी एटीएस ने बीते वर्ष 16 अगस्त को बलिया के बसंतपुर गांव से पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया। वे सभी एक झोपड़ी में संगठन की गोपनीय बैठक कर रहे थे। उनके कब्जे से नक्सल साहित्य, पर्चे, हस्तलिखित संदेश, एक लैपटॉप, नौ मोबाइल फोन, एक नाइन एमएम पिस्टल सहित अन्य सामान बरामद हुए। ये सभी हार्डकोर नक्सली थे। इनमें तारा देवी उर्फ मंजू उर्फ मनीषा भी शामिल थी, जो जंगलों में नक्सल ट्रेंनिग लेने के बाद बिहार में कई बड़ी नक्सली वारदातों में शामिल थी। इसके अलावा लल्लू राम उर्फ अरुन राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राममूरत तथा विनोद साहनी की गिरफ्तारी हुई थी। ये सभी बिहार के बड़े नक्सली कमांडरों के संपर्क में थे।