अनिल विज ने बढ़ाई बीजेपी की टेंशन, अपना हलका छोड़ दिल्ली-गुरुग्राम के दौरे पर निकले

Anil Vij increased BJP's tension, left his constituency and went on Delhi-Gurugram tour
Anil Vij increased BJP's tension, left his constituency and went on Delhi-Gurugram tour
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चंडीगढ़: जहां लोकसभा चुनाव का प्रचार तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं बीजेपी के लिए अपने ही नेताओं को संभालना मुश्किल हो रहा है। नायब सैनी सरकार में मंत्री बनने से चूके पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने जहां चुनाव प्रचार के लिए खुद को अपने हलके तक सीमित किया हुआ है। इतना ही नहीं, प्रचार के दौरान वह अपने हलके से बाहर पार्टी के उन नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं जो पार्टी में मुख्य धारा की राजनीति से दूर चल रहे हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि अंबाला लोकसभा हलके से पार्टी प्रत्याशी बंतो कटारिया खेमे की तरफ से विज की ओर से सहयोग नहीं किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री को शिकायत भी की गई है।

हरियाणा में सत्ता परिवर्तन के दौरान अनिल विज को वरिष्ठ होने के बावजूद अंतिम समय तक कोई जानकारी नहीं दी गई। नई सरकार के गठन में भी विज को दरकिनार कर दिया गया। इस कारण विज ने खुद को अंबाला छावनी तक सीमित कर लिया। उधर, लोकसभा प्रत्याशी बंतो कटारिया अंबाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली करवाने के लिए पार्टी हाईकमान पर दबाव बना रही हैं। दो दिनों से अनिल विज हलके से बाहर हैं। विज शनिवार को बीजेपी मुख्यालय गए, जहां उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ओम पाठक से मुलाकात की। इसके बाद रविवार को अनिल विज की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और बीजेपी में हाशिए पर चल रहे रामबिलास शर्मा के साथ मुलाकात हुई।

रामबिलास शर्मा से की मुलाकात
पिछले कई दिनों से रामबिलास शर्मा के वायरल बयान भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। दोनों नेताओं के बीच हुई इस बैठक के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। इसके बाद अनिल विज बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ के आवास पर पहुंचे। यहां उन्होंने धनखड़ के पिता और परिवार के अन्य लोगों से मुलाकात की।

बीजेपी में नए समीकरणों के संकेतओपी धनखड़ को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाने के बाद नायब सैनी को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। अचानक हुए फैसले को धनखड़ ने स्वीकार तो कर लिया है, लेकिन हरियाणा की राजनीति से दूर होने की टीस उनके मन में है। इस मुलाकात के दौरान पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुधा यादव भी मौजूद रहीं। सुधा यादव बीजेपी संगठन की राजनीति में राष्ट्रीय स्तर पर हैं, लेकिन सत्ता की राजनीति से लंबे समय से दूर चल रही हैं। अनिल विज की इन नेताओं के साथ हुई बैठकों ने बीजेपी में नए समीकरणों के संकेत दे दिए हैं।