आर्मी ने पुलिसवालों को पहले सड़क पर पीटा, फिर थाने में बंद कर की सबकी धुलाई, FIR दर्ज

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नई दिल्‍ली. पड़ोसी देश पाकिस्‍तान में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है, यह बात तो सभी जानते हैं. आय दिन सेना की प्रताड़ना के वीडियो सामने आते ही रहते हैं. अब पाक आर्मी का शिकार कोई और नहीं बल्कि पाकिस्‍तान की पुलिस भी हो गई है. ताजा मामला पाकिस्‍तान के पंजाब में स्थित बहावलनगर से सामने आया, जहां सेना के जवानों ने पुलिकर्मियों की जमकर पिटाई की. उन्‍होंने पहले पुलिसकर्मियों को सड़क पर मारा. फिर पीटते-पीटते उन्‍हें थाने में ले गए. बाद में थाने के लॉकअप में बंद कर कई पुलिसकर्मियों को जमकर पीटा गया. इस वक्‍त पाकिस्‍तान में सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों की पिटाई के वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं.

पाकिस्‍तान में इस वक्‍त आर्मी बनाम पुलिस जैसी स्थिति देखने को मिल रही है. पाकिस्‍तान में लोग अपनी ही आर्मी को जमकर लताड़ रहे हैं. आलम यह है कि इस मामले में पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत की पुलिस को स्‍टेटमेंट जारी करना पड़ा. आर्मी को क्‍लीन चिट देते हुए पुलिसकर्मियों को ही सस्‍पेंड कर दिया गया. न्‍यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, “बहावलनगर में तीन नागरिकों को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था और पंजाब पुलिस के जवान उनकी रिहाई के लिए पैसे की मांग कर रहे थे. पुलिसकर्मियों ने तीनों के एक साथी को गिरफ्तार करने के लिए एक सैन्य अधिकारी के आवास पर भी छापा मारा. इससे सेना के कुछ जवान नाराज हो गए.”

पाक सेना ने थाने में मारा छापा
रिपोर्ट के मुताबिक पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. फिर आमी के जवान इन पुलिसकर्मियों को पीटते हुए बहावलनगर के मदरसा पुलिस स्टेशन ले गए और वहां छापेमारी की गई. अवैध रूप से पकड़े गए युवकों को आर्मी ने छुड़वाया और पुलिसकर्मियों की थाने में ही खूब पिटाई की गई. सेना के जवानों की छापेमारी के दौरान पुलिसकर्मियों को प्रताड़ित किया गया, घटना के बाद चार पुलिसकर्मियों – SHO अब्बास रिज़वान, मुहम्मद नईम, मुहम्मद इकबाल और अली रज़ा (जिन्हें कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया था) को तीन लोगों को अवैध रूप से हिरासत में लेने और उनसे पैसे की मांग करने के लिए पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत निलंबित और गिरफ्तार किया गया था.”

पुलिस ने बयान में क्‍या कहा?
पंजाब पुलिस की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, “बहावलनगर का यह मामला जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ उसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है. सोशल मीडिया पर फर्जी प्रचार किया जा रहा है. इस प्रकरण को इस तरह से प्रस्तुत किया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना और पंजाब पुलिस के बीच लड़ाई हुई है.”