सावधान! क्या आपको भी आया पुलिस का फोन कॉल? टेंशन बाद में लेना, पहले अलर्ट हो जाओ

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पुलिस थाने से अचानक कॉल आए, थाने बुलाया जाए या किसी करीबी के गिरफ्तार होने की बात कही जाए तो कोई भी घबरा जाएगा। ढेरों लोगों को इन दिनों पुलिस की ओर से अचानक कॉल किया जा रहा है और डराया-धमकाया जा रहा है। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि ये कॉल्स किसी पुलिस स्टेशन नहीं बल्कि फ्रॉड करने वालों के पास से आ रहे हैं।

फ्रॉड करने वाले अब खुद पुलिस की पहचान इस्तेमाल कर रहे हैं। बीते दिनों केरल में रहने वाले एक युवक को दिल्ली पुलिस की पहचान के साथ कॉल किया गया और कहा गया कि उसके खिलाफ FIR दर्ज की जा रही है। इसके अलावा लखनऊ में रहने वाले एक बुजुर्ग को फोन करके कहा गया कि उनका बेटा गिरफ्तार कर लिया गया है और थाने में है। ऐसे ढेरों मामले देशभर में सामने आ रहे हैं।

ज्यादातर मामलों में किए गए वॉट्सऐप कॉल्स

पुलिस की पहचान के साथ ज्यादातर कॉल्स वॉट्सऐप के जरिए किए जा रहे हैं। जब यूजर वॉट्सऐप कॉल करने वाले की प्रोफाइल फोटो देखता है तो उसमें भी पुलिस की वर्दी में कोई शख्स दिखाई देता है। इस तरह कॉल रिसीव करने वाला और भी घबरा जाता है और इस बात पर यकीन कर लेता है कि वाकई पुलिस से जुड़ा कोई मामला है।

कई बार इंटरनेशनल नंबरों से ऐसे कॉल्स किए जाते हैं और लोगों को धौंस दिखाकर थाने बुलाया जाता है। ज्यादातर लोग पुलिस के पचड़े में नहीं पड़ना चाहते और घबरा जाते हैं। ऐसे लोगों से रकम का भुगतान करने को कहा जाता है, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई ना हो या फिर उनके करीबी को छोड़ दिया जाए। अक्सर लोग बिना वक्त गंवाए भुगतान कर देते हैं और फ्रॉड का शिकार बन जाते हैं।

FIR और नोटिस से लेकर फेक वीडियो कॉल तक

पुलिस की पहचान वाले फ्रॉड केवल वॉट्सऐप कॉल्स तक सीमित नहीं है। बीते दिनों ऐसे मामले सामने आए, जिनमें डीपफेक की मदद से वीडियो कॉल पर पुलिसवाले ने बात की। इसके अलावा फर्जी पुलिस नोटिस और FIR की फर्जी कॉपी तक लोगों को भेजी जा रही हैं। इस तरह की हर कोशिश का मकसद केवल सामने वाले को डराना और विश्वास में लेना होता है।

इन बातों का ध्यान रखते हुए ही रह पाएंगे सुरक्षित

– सबसे पहले वह नंबर जांच लें, जिससे आपको कॉल किया गया है। अगर नंबर की शुरुआत में +91 कंट्री कोड नहीं लगा है तो यह विदेशी नंबर है, जिसे फ्रॉड करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। आप ट्रूकॉलर जैसे ऐप्स पर भी नंबर सर्च कर सकते हैं या फिर दूसरे फोन से इसपर कॉल करते हुए तय कर सकते हैं कि अगला सही पहचान के साथ बात कर रहा है या नहीं।

– पुलिस किसी तरह की कार्रवाई से पहले या फिर FIR करने से पहले पैसों की पेशकश करते हुए या फिर डराने के लिए कभी कॉल नहीं करती। नजदीकी थाने में जाकर इस बारे में जानकारी पुख्ता करें और फौरन कोई प्रतिक्रिया ना दें।

– किसी भी तरह की रकम का लेनदेन घबराकर या दबाव में आकर ना करें। पुलिस महकमा खुद भी ऐसे मामलों को लेकर अलर्ट रहता है और ऐसे कॉल्स की जानकारी देकर आप उनकी मदद कर सकते हैं। ऐसे सभी मामले साइबर सेल में जरूर रिपोर्ट करें और बाकियों तक भी इससे जुड़ी जागरूकता फैलाएं।