Basant Panchami 2022: वसंत पंचमी को आज क्यों करते हैं सरस्वती पूजा?

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Basant Panchami 2022: हिन्दी पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि जनमानस में वसंत पंचमी के नाम से लोकप्रिय है। इस वर्ष वसंत पंचमी का त्योहार आज 16 फरवरी दिन मंगलवार को पड़ रहा है। आज के दिन ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। मां सरस्वती की कृपा से ही व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, विवेक के साथ विज्ञान, कला और संगीत में महारत हासिल करने का आशीष मिलता है। बसंत पंचमी के दिन ही माता सरस्वती की पूजा क्यों ​की जाती है? जागरण अध्यात्म में आज हम जानते हैं इसके कारण, मुहूर्त, तिथि और भोग की सामग्री के बारे में।

वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा क्यों?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं। इस वजह से ही वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन आराधना करने से माता सरस्वती जल्द ही प्रसन्न होती हैं।

मां सरस्वती को जरूर अर्पित करें ये चीजें

वसंत पंचमी के दिन व्यक्ति को स्नान आदि से निवृत होने के बाद पीले या श्वेत वस्त्र धारण करना चाहिए। मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा करने के दौरान उनको पीले पुष्प, पीले रंग की मिठाई या खीर जरूर अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा उनको केसर या पीले चंदन का टीका लगाएं। पीले वस्त्र भेंट करें।

वसंत पंचमी का महत्व

वसंत पंचमी का दिन शिक्षा प्रारंभ करने, नई विधा, कला, संगीत आदि सीखने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। छोटे बच्चों को इस दिन अक्षर ज्ञान कराया जाता है। आज के दिन लोग गृह प्रवेश का कार्य भी करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वसंत पंचमी को कामदेव पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आते हैं और हर ओर प्रेम का संचार करते हैं।

वसंत पंचमी को ज्ञान पंचमी या श्री पंचमी भी कहते हैं। आज के दिन सरस्वती पूजा के अतिरिक्त भगवान विष्णु तथा कामदेव की भी आराधना करते हैं।