मध्यप्रदेश के मंत्री पुत्र की गुंडागर्दी से भाजपा हाईकमान नाराज, मंत्री को लगी फटकार

BJP high command angry with the hooliganism of Madhya Pradesh minister's son, minister reprimanded
BJP high command angry with the hooliganism of Madhya Pradesh minister's son, minister reprimanded
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भोपाल: लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे की गुंडागर्दी से भाजपा हाईकमान भी नाराज हो गया है। मंत्री पटेल ने शाहपुरा थाना पहुंचकर पुलिसकर्मियों से अभद्रता कर वर्दी तक उतरवाने की धमकी दी थी। बीजेपी हाईकमान ने मंत्री के व्यवहार सहित पूरे मामले की जानकारी तलब की थी। वहीं सीएम मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने मंत्री को जमकर फटकार लगाई है। खबर है कि इसी मामले में दिल्ली में हुई घोषणा पत्र समिति की बैठक में सीएम मोहन यादव और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी पार्टी हाईकमान ने पूरे मामले की जानकारी ली थी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि गुंडागर्दी करने का अधिकार किसी के पास नहीं है। कानून अपना काम कर रहा है, जिसने गलत किया, उस पर कार्रवाई होगी।

FIR में पिता का नाम गायब

मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल और उनके बेटे अभिज्ञान पटेल के मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि पुलिस ने एफआइआर में मंत्री पिता का नाम जानबूझकर नहीं लिखा। उसे आरोपी के घर का पता तक नहीं मालूम है। आचार संहिता में अपराध धारा 353 और 188 का भी बनता है, जिसमें पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

राजधानी की शाहपुरा थाना पुलिस ने स्वास्थ्य राज्यमंत्री को बचाने के चक्कर में अभिज्ञान पटेल के पिता का नाम ही एफआइआर से हटा दिया है। जबकि मुख्य आरोपी खुद थाने में मौजूद था। आरोपी की पहचान भी हो गई थी। ऐसे में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

साधारण धारा में केस दर्ज
मामले में पीडि़त अम्मा-बाबूजी रेस्टोरेंट की संचालक आलिशा सक्सेना का आरोप है कि मंत्री के दबाव में पुलिस ने साधारण धाराओं में केस दर्ज किया है। धारा 294, 324, 506, 34 के तहत मामला दर्ज हुआ है। इन धाराओं में 3 साल कारावास या जुर्माने की सजा है। जबकि, जान से मारने की कोशिश (307), महिला से अभद्रता (354) की धाराएं नहीं लगाईं गई हैं। यही नहीं अभिज्ञान के दोस्त की शिकायत पर रेस्टोरेंट संचालक दंपती और कुक के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है।

हमले में चोट तो हत्या के प्रयास का मामला
अधिवक्ता कृष्ण कन्हैया के अनुसार, धारदार हथियार, कुल्हाड़ी, बंदूक या लोहे की रॉड या छड़ी से हमले में चोट आती है या टांके लगे हों, हड्डी फ्रेक्चर हो तो आरोपी पर हत्या के प्रयास के तहत धारा 307 का केस दर्ज होता है। महिला के साथ मारपीट और अभद्रता पर 354 की धारा में मामला दर्ज होता है।

कोर्ट में बढ़ सकती हैं धाराएं: इस तरह के मामलों में पुलिस पर्याप्त धाराएं न लगाए तो चार्जशीट के बाद कोर्ट धाराएं बढ़ा सकता है। इसमें एमएलसी, सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान को आधार बनाया जा सकता है।

धारा 353 में भी हो कार्रवाई
मामले में विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने और लोकसेवक या पुलिसकर्मियों को धमकाने के आरोप में धारा 353 के तहत भी राज्यमंत्री पर कार्रवाई होनी चाहिए।

188 के तहत भी दर्ज हो मामला
प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू है। ऐसे में वैध अनुमति के बिना पार्षद और अन्य समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन करने और थाने में जाकर पुलिस के कार्य में बाधा डालने के आरोप में राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल पर आईपीसी की धारा 188 के तहत भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए

मंत्री को फटकार
गुंडागर्दी किसी का अधिकार नहीं मंत्री की दबंगई पर पार्टी की ओर से फटकार के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि मामले में कानून अपना काम कर रहा है। गलत करने वाला कोई भी व्यक्ति नहीं बख्शा जाएगा। उन पर थाने में जाकर पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप है। इसके बाद फुटेज में नहीं दिखने पर भी थाने के चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था।

फरियादी की तरफ से दी गई जानकारी
एफआइआर में दर्ज है। बयान में और जानकारियां आई हैं। मामले में अपराध कायम कर विवेचना जारी है।

-रघुनाथ सिंह, थाना प्रभारी शाहपुरा

पुलिस थाने से रिपोर्ट ले रहे हैं। टीम मामले का परीक्षण कर रही है। आचार संहिता की दृष्टि से भी परीक्षण किया जाएगा। उल्लंघन का मामला बनेगा तो कार्रवाई करेंगे।