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शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल सामने आ चुके हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। हालांकि प्रदेश में कौन कितनी सीटें जीतेगा इसका पता 8 दिसंबर को चलेगा। लेकिन उससे पहले ही दोनों पार्टियों ने सत्ता में आने के लिए प्लान बनाने शुरू कर दिए हैं। बीजेपी के प्लान-बी से कांग्रेस के भीतर हलचल तेज है। बीजेपी का आकलन है कि अगर पार्टी को 32 सीटें मिलती हैं तो चार निर्दलीय विधायकों के साथ वो दोबारा सरकार बना सकती है। लेकिन यदि उसका ये प्लान फेल हो जाता है तो उसने इसके लिए प्लान बी पर भी काम करना शुरू कर दिया है। ये काम पार्टी ने उन्हीं नेताओं को दिया गया है जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। कांग्रेस की नजर भी अब उन नेताओं पर है जो कांग्रेस से बीजेपी में गए हैं।
अगर हिमाचल में कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो क्या उसके कुछ विधायक टूट सकते हैं या नहीं? हालांकि हिमाचल में आजतक ऐसा नहीं हुआ है और इसकी संभावनाए भी न के बराबर ही रहती है। लेकिन जिस तरह कांग्रेस में सीएम फेस को लेकर घमासान मचा हुआ है, तो इन संभावनाओं से इनकार भी नहीं किया जा सकता। ऐसे में कांग्रेस को भी मतगणना के दिन के लिए अलग से योजना बनानी पड़ रही है।
हालांकि अभी कांग्रेस के विधायकों को सरकार बनने तक राज्य से बाहर ले जाने की तैयारी नहीं है। सभी अपने चुनाव क्षेत्र में मतगणना की निगरानी करेंगे, लेकिन इन संभावनाओं को तब ज्यादा ताकत मिलेगी, जब दोनों ही दल बहुमत के आंकड़े को न छू पाएं।
उधर,बीजेपी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मतगणना वाले दिन अपने चुनाव क्षेत्र सराज जाने से रोक दिया है और उन्हें शिमला कंट्रोल रूम में ही रहने को कहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यदि किसी से बातचीत करने की जरूरत हुई तो कंट्रोल रूम से ही इस बारे में फैसला लिया जा सकता है।