दूसरों के झूठ पर यकीन करके करवा बैठते हैं अपना नुकसान, जान लें झूठे को पहचानने का तरीका

By believing in the lies of others, they cause harm to themselves, know the way to identify liars.
By believing in the lies of others, they cause harm to themselves, know the way to identify liars.
इस खबर को शेयर करें

झूठ बोलना किसी कला से कम नहीं है. झूठ बोलने के लिए सच बोलने से ज्यादा बुद्धि का प्रयोग करने की आवश्यकता होती है. इसलिए प्रैक्टिस के साथ झूठ बोलने की कला को इस स्तर पर लोग निखार लेते हैं कि कोई आम आदमी उनका सच नहीं पकड़ पाता है. लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि हर चोर चोरी करते वक्त कुछ ना कुछ गलती जरूर करता है. बस उसे पकड़ने के लिए सतर्क होना और पुरानी अवधारणा के आधार पर सोचना बंद करना जरूरी होता है.

कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान प्रोफेसर केविन कॉलवेल के अनुसार, यदि आप किसी से सच जानना चाहते हैं तो उनसे बिना किसी पूर्व धारणा के बात करें. भावनाओं का प्रवाह झूठ बोलने वालों के संकेत दे देता है. सहज तरीके से बात करके आप उनके व्यवहार में बदलाव देख सकते हैं. इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही बदलावों के बारे में जानकारी दे रहे हैं.

झूठ बोलने वालों के कुछ संकेत-

क्रोनोलॉजिकल बातें

झूठ बोलने वाले लोग अपनी कहानी क्रमवार सुनाते हैं. कहानी की शुरुआत और अंत पहले से तय होता है. वहीं सच बोलने वाले लोग स्वाभाविक रूप से बात करते हैं. वे एक ही घटना का वर्णन करते समय नए तथ्य भी जोड़ सकते हैं. वहीं झूठ बोलने वाले वही बातें दोहराते हैं जो उन्होंने पहले कही थीं.

आंखें नहीं चुराते

आम धारणा के विपरीत, झूठ बोलने वाले लोग आपकी ओर ही देखते हैं. वे जानना चाहते हैं कि आप उन पर विश्वास कर रहे हैं या नहीं. ऐसा अक्सर वह लोग करते हैं जो पूरी प्लानिंग के साथ झूठ बोलते हैं.

चौंकाने वाली भाषा

झूठ बोलते समय लोग अपेक्षाकृत बेहतर और अधिक परिष्कृत भाषा का प्रयोग करते हैं. वे ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं जिन्हें शायद आपने उनसे पहले कभी ना सुना हो.

सर्वनाम का इस्तेमाल करने से बचना

यदि कोई व्यक्ति किसी घटना का वर्णन करते समय ‘मैं’ या ‘मेरा’ जैसे सर्वनामों का प्रयोग नहीं करता है, तो सावधान हो जाएं. हो सकता है वे सच छुपा रहे हों. एफबीआई के एजेंट रहे जिम क्लेमेंट कहते हैं कि मान लीजिए कोई महिला अपने पति से पूछे कि वह क्या कर रहा है? पति का जवाब आया-पार्क गया था, दोपहर का भोजन खा लिया. उसने अपने वाक्य में ‘मैं’ का इस्तेमाल नहीं किया. दरअसल उसने खाना किसी और के साथ खाया है इसलिए अब उसे डर है कि ‘मैं’ की जगह जबान से ‘हमने’ न निकल जाए.

सवालों का जवाब सवालों से

झूठ बोलने वाले लोग महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाते हैं या भूलने का नाटक करते हैं. ऐसे में कभी भी वह आपके सवालों का सीधा जवाब नहीं देंगे. वे अक्सर आपके सवालों का जवाब दूसरे सवालों से देते हैं. आप झूठ बोलने वाले लोगों से एक शब्द में कोई जवाब आसानी से नहीं निकलवा सकते हैं.