पटना समेत 30 स्थानों पर CBI का छापा, बिटकॉइन-क्रिप्टोकरेंसी का मामला

CBI raids 30 places including Patna, Bitcoin-cryptocurrency case
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पटना: केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने ऐप के माध्यम से करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़ा मामले में देश के दस राज्यों में बड़े पैमाने पर छापेमारी की है। बिहार में पटना और एक अन्य स्थान पर यह छापेमारी हुई। इसके अलावा देश में 30 स्थानों पर यह कार्रवाई की गयी। जानकारी के मुताबिक यह मामला बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि फ्रॉड गिरोह ने लोगों से स ऐप के सहारे करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा कर लिया है। एचपीजेड टोकन ऐप से जुड़ी एक फर्जी निवेश योजना में केस दर्ज करने के बाद सीबीआई की ओर से यह एक्शन लिया गया है। सीबीआई का आरोप है कि इस योजना में जनता को आभासी ‘क्रिप्टो-करेंसी माइनिंग मशीन रेंटल’ में निवेश करने के नाम पर गुमराह किया गया है।

केंद्रीय जांच एजेंसी के स्तर से बिहार का अलावा दिल्ली, बैंगलोर, जोधपुर, मुंबई के अलावा अन्य कई स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चल रहा है। विभागीय सूत्र के मुताबिक 10 राज्यों में यह छापेमारी हो रही है। यह पूरा मामला बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा है। अब तक की गई जांच में सभी स्थानों पर करीब 150 बैंक अकाउंट की भी जानकारी मिली है। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की टीम उन खातों को खंगालने की कार्रवाई कर रही है ताकि ट्रान्जैक्शन की सच्चाई का पता लगाया जा सके।

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार में दो स्थानों पर छापामारी चल रही है। इसके अलावे मध्यप्रदेश, उड़ीसा , उत्तरप्रदेश, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में भी दो -दो स्थानों में छापेमारी की प्रक्रिया जारी है। दिल्ली एवं और राजस्थान में सबसे ज्यादा 6- 6 ठिकानों पर छापेमारी हो रही है। महाराष्ट्र के चार लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन चल रहा है। छापेमारी के दौरान एजेंसी ने लैपटॉप, मोबाइल, एटीएम और डेबिट कार्ड बरामद किया है। साथ ही बड़ी संख्या में ईमेल खातों का पता चला है जिन्हें जांच एजेंसी के अधिकारी खंगाल रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि सीबीआई ने एचपीजेड टोकन ऐप से जुड़ी धोखाधड़ी वाली निवेश योजना में मामला दर्ज करने के बाद 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 स्थानों की तलाशी ली गई है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि इस योजना में गैर-मौजूद क्रिप्टो-मुद्रा खनन मशीन किराये में निवेश करने के लिए जनता को गुमराह करना शामिल है।