कल लगेगी मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर! वसुन्धरा-बालकनाथ या कोई और, जानिए यहां

इस खबर को शेयर करें

जयपुर : राजस्थान विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल करने के 6 दिन बाद भी केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला नहीं ले पाई है। पिछले तीन दिन से दिल्ली में एक के बाद एक बैठकें हो रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय नेताओं के अलावा राजस्थान के कई नेताओं से मुलाकात करके मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा की। राजस्थान के नेताओं में मुख्यमंत्री पद को लेकर लॉबिंग भी तेज चल रही है। मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला लेने के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने शुक्रवार को 3 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है, जिनमें केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को शामिल किया गया है।

रविवार को होगी बीजेपी विधायक दल की बैठक
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से नियुक्त किए गए तीनों पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, सरोज पाण्डेय और विनोद तावड़े रविवार 10 दिसंबर को जयपुर पहुंचेंगे। रविवार को ही बीजेपी मुख्यालय में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। बैठक में तीनों पर्यवेक्षकों के साथ प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी मौजूद रहेंगे।

मुख्यमंत्री की दौड़ में राजे सबसे आगे
राजस्थान के भावी मुख्यमंत्री की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सबसे आगे है। हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि जिस तरह से विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करना और टिकट वितरण सहित प्रचार प्रसार के लिए राजे को अहम जिम्मेदारी ना देकर पीएम मोदी राजे को दूर रखना चाहते हैं। उधर पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने बहुमत मिलने के साथ ही अपना शक्ति प्रदर्शन शुरू कर दिया। करीब 47 विधायक वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनाए जाने पक्ष में बताए जा रहे हैं। कुछ विधायकों ने तो खुलेआम राजे को मुख्यमंत्री बनाए जाने के लिए बयान भी जारी कर दिए।
कई और नेता भी हैं मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल
अगर वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है तो प्रदेश के कई नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का सपना देख रहे हैं। राजनैतिक गलियारों में यह भी चर्चाएं हैं कि अगर राजे के अलावा किसी और को सीएम बनाया जाता है तो उनमें पूर्व सांसद और तिजारा से विधायक बने बाबा बालकनाथ, पूर्व सांसद और विद्याधर नगर से विधायक दीया कुमारी, पोकरण से पहली बार विधायक बने महंत प्रतापपुरी महाराज, पूर्व केंद्रीय मंत्री और झोटवाड़ा से विधायक बने कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को भी सीएम बनाया जा सकता है।

चौंका सकते हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार ऐसे फैसले लेते हैं जिनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। राजस्थान के मुख्यमंत्री पर फैसला करने में भी पीएम मोदी चौंका सकते हैं। जरूरी नहीं कि किसी मौजूदा विधायक को ही मुख्यमंत्री बनाया जाए। पार्टी के केंद्रीय नेता जो राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं। उनमें से भी किसी को भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया जा सकता है। ऐसे नेताओं में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और भूपेंद्र यादव भी हो सकते हैं।