पंजाब में विधायकों की पेंशन में कटौती कर 80 करोड़ बचाएंगे CM भगवंत मान, 3 लाख करोड़ के कर्जे में है पंजाब

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चंडीगढ़: पंजाब की आर्थिक तंगहाली दूर करने के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधायिका से ही सुधारों की शुरुआत कर दी है. उन्होंने पंजाब के वर्तमान व पूर्व विधायकों की पेंशन में कटौती का बड़ा एलान किया है. विधायकों के परिवारों को दिए जाने वाले भत्तों में भी कटौती की जाएगी. अब पंजाब के विधायकों और पूर्व विधायकों को केवल एक कार्यकाल के लिए पेंशन मिलेगी, इसके बाद वे चाहे कितनी भी बार विधायकी का चुनाव जीत चुके हों.

पंजाब की आर्थिक स्थिति बदहाल है और राज्य के ऊपर लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भी इसका जिक्र किया था और केंद्र सरकार से 2 साल तक सलाना 50 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय पैकेज पंजाब को देने की मांग की थी. विधायकों की पेंशन में कटौती का फैसला लेने के बाद भगवंत मान ने कहा कि हजारों करोड़ रुपये की रकम अब पंजाब के लोगों के हित में खर्च होगी.

पांच साल में होगी 80 करोड़ रुपये की बचत
छह बार विधायक रहीं पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्ठल, लाल सिंह, सरवन सिंह फिल्लौर को हर महीने 3 लाख 25 हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलते हैं. रवि इंदर सिंह, बलविंदर सिंह को हर महीने 2 लाख 75 हजार रुपये की राशि मिलती है. वहीं 10 बार के विधायक की पेंशन 6 लाख 62 हजार प्रतिमाह है. अब सभी पूर्व व मौजूदा विधायकों को सिर्फ 75 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. इस तरह 5 साल में 80 करोड़ रुपये की बचत होगी.

प्रकाश सिंह बादल छोड़ चुके हैं अपनी पेंशन
पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री और 11 बार विधायक रहे शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने पूर्व विधायक के तौर पर मिलने वाली पेंशन पहले ही छोड़ दी है. उन्होंने इस बार चुनाव हारने के बाद पंजाब सरकार और विधानसभा अध्यक्ष से पूर्व विधायक के रूप में मिलने वाली अपनी पेंशन को पंजाब की जनता के हित में खर्च करने का अनुरोध किया था. इस चुनाव के बाद पंजाब में 325 पूर्व विधायक पेंशन स्कीम में शामिल हैं.

मुख्यमंत्री बनने के बाद से मान के बड़े फैसले
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सरदार भगत सिंह की शहीदी दिवस 23 मार्च को भ्रष्टाचार रोधी हेल्पलाइन नंबर 9501200200 जारी किया और एक माह में पंजाब के सरकारी दफ्तरों से रिश्वतखोरी पर पूर्ण रूप से नकेल कसने का प्रण लिया. वह पंजाब में ग्रुप सी और डी के 35 हजार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का भी एलान कर चुके हैं. पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में 25000 सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.