हरियाणा में छात्रों को कोरोना का झटका, विदेश में पढ़ने का सपना अटका

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चंडीगढ़: कोरोना महामारी के कारण हरियाणा के विद्यार्थियों का विदेश में पढ़ने का सपना अटक गया है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका के कारण अभी तक विदेशों ने अपनी पाबंदियां कम नहीं की हैं। इस कारण प्रदेश के विद्यार्थी वीजा मिलने के बावजूद वहां पर जाकर पढ़ाई शुरू नहीं कर पा रहे हैं। इस मामले को लेकर प्रदेश के विद्यार्थियों और अभिभावकों ने हरियाणा के विदेश सहयोग विभाग से मदद की गुहार लगाई है। सरकार ने उनको आश्वासन दिया है कि वह विदेशों में संपर्क साधकर समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।

हरियाणा के विद्यार्थियों में विदेश में पढ़ने का क्रेज है। हर साल हजारों की संख्या में विद्यार्थी विदेश जाने के लिए आवेदन करते हैं। कोरोना की दस्तक के कारण पिछले डेढ़ साल से एक तो विजा भी कम मिल रहे हैं। दूसरा जिनको विजा मिले हैं, वे विद्यार्थी भी वहां पर जाकर पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया की सीमा पहले से ही बंद चल रही है, जबकि कनाडा ने 21 सितंबर तक सीधी उड़ान बंद कर दी है। फिलहाल विद्यार्थी मजबूरी में ऑनलाइन ही पढ़ाई कर रहे हैं।

दो लाख रुपये में मिल रहा हवाई टिकट
कोरोना काल में विदेशों में जाने के लिए हवाई टिकटों के दाम भी कई गुना बढ़ गए हैं। कनाडा जाने के विकल्प कम हैं, क्योंकि वहां की सीधी फ्लाइट नहीं है। आमतौर पर लोग मालदीव और मैक्सिको होकर जाते हैं। क्योंकि कनाडा अपने यहां प्रवेश के लिए किसी तीसरे देश की आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट मांगता है। कम उड़ानों के कारण मैक्सिको की सीट मिलना मुश्किल है। अगले 15 दिनों तक मैक्सिको के लिए कोई सीट नहीं है। टिकट के भी महंगे हो गए हैं। महामारी से पहले कनाडा आने-जाने के लिए 75 हजार रुपये में टिकट मिलता था, लेकिन अब एक तरफ का टिकट दो लाख रुपये का है। इसके पीछे तर्क ये दिया जा रहा है कि दो से तीन दिन तक मालदीव या मैक्सिको में रुकना पड़़ता है।

कनाडा में करनी है इंजीनियरिंग की पढ़ाई
कुरुक्षेत्र के रीतिक कुमार ने बताया कि उसने कनाडा में इंजीनियरिंग करने के लिए जाना है। वह दो बार टिकट बुक करा चुका है, लेकिन दोनों बार उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। टिकट के रेट इतने बढ़ गए हैं कि अब कठिन हो गया है। सरकार को इस मामले में विद्यार्थियों की मदद करनी चाहिए, क्योंकि वह चाहते हैं कि विदेश में रहकर पढ़ें, ना कि ऑनलाइन।

वीजा ही रद्द कर दिया : सिंह
करनाल के निसिंग निवासी गुरतेज सिंह ने बताया कि उसने ऑस्ट्रेलिया के लिए वीजा लिया था लेकिन अब उसका वीजा ही रद्द कर दिया गया है। अब वह किसी दूसरे देश में पढ़ाई के लिए सोच रहा है। कोरोना के चलते उसका विदेश में पढ़ने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। इस मामले में प्रदेश और केंद्र सरकार को भी मदद करनी चाहिए।

हरियाणा से 30 विद्यार्थियों और परिजनों ने विभाग से संपर्क किया है। विभाग ने केंद्रीय विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है, ताकि विद्यार्थियों की समस्या का समाधान हो सके। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।