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लखनऊ। कृषि कानून वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री ने एलान भले ही कर दिया हो लेकिन किसानों का आंदोलन इसके संसद से रद्द होने तक चलेगा। इसी के तहत किसानों ने लखनऊ में अपनी पूर्व नियोजित महापंचायत रद्द नहीं की है जो आज हो रही है। इसके तहत अलग-अलग क्षेत्रों से किसान लखनऊ पहुंचे हैं। यहां पढ़ें दिनभर के अपडेट्स…
Farmers gather in Lucknow for the Samukt Kisan Morcha’s (SKM) ‘Kisan Mahapanchayat’ today. pic.twitter.com/BLBaGnaFRA
— ANI UP (@ANINewsUP) November 22, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर लखनऊ में होने वाली किसान महापंचायत के लिए बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुंच चुके हैं। वहीं कई किसान नेता भी मंच पर देखे जा सकते हैं।
किसान पीछे हटने को तैयार नहीं
किसान अभी आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं है। आज लखनऊ में महापंचायत हो रही है जिसमें किसान आगे की रणनीति तय करेंगे। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत संयुक्त किसान मोर्चा के अधिकतर पदाधिकारी इस पंचायत में भाग लेंगे।
प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है। उधर किसान इस मामले पर अभी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। लखनऊ के ईको गार्डन में 22 नवंबर को महापंचायत में ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने की कवायद की गई है। भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक के मुताबिक महापंचायत में हर मुद्दे पर बात होगी। राकेश टिकैत के अलावा मोर्चा के अन्य पदाधिकारी पंचायत में शामिल रहेंगे।
संसद से कानून रद्द होने तक जारी रहेगा आंदोलन
दरअसल किसानों ने संसद में कानून वापसी के अनुमोदन होने तक जहां आंदोलन जारी रखने की बात कही है तो वहीं एमएसपी पर भी गारंटी कानून बनाने की शर्त रखी है। किसान बार बार इस बात को कह रहे हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी सबसे अहम है और यह मांग काफी पुरानी है। महापंचायत में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने की तैयारी है। 26 नवंबर को भी किसान बड़ा आंदोलन करने की बात कह रहे हैं।
महापंचायत में इस पर स्थिति साफ की जा सकती है कि 26 को संसद की तरफ ट्रैक्टर कूच होगा या फिर इस आंदोलन को और स्थानों पर भी चलाया जाएगा। तिकुनिया प्रकरण के बाद किसान मोर्चा लगातार पूर्वांचल में सक्रिय है। इसका असर लखनऊ पंचायत में भी देखने को मिलेगा और काफी भीड़ आने की बात की जा रही है।