मरे हुए लोगों के सामानों के साथ ना करें ये काम, कई पीढ़ियां भुगतेंगी बुरे नतीजे!

Do not do this work with the belongings of dead people, many generations will suffer bad consequences!
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Garuda Purana: हिंदू धर्म में गरुण पुराण को महापुराण का दर्जा दिया गया है. इसमें जन्‍म से लेकर मृत्‍यु और मृत्‍यु के बाद आत्‍मा के सफर को लेकर कई बातें बताई गई हैं. गरुड पुराण के 271 अध्याय और 18 हजार श्लोक में विस्‍तार से जीवन-मृत्‍यु के तमाम पहलुओं, पाप-पुण्‍य, स्‍वर्ग-नरक आदि के बारे में बताया गया है. इसमें मृत व्‍यक्ति के अंतिम संस्‍कार और उससे जुड़े रस्‍मो-रिवाज के बारे में भी बताया गया है. गरुड़ पुराण के अनुसार मरे हुए व्‍यक्ति की चीजों के उपयोग को लेकर भी मार्गदर्शन दिया गया है. आइए जानते हैं कि मरे हुए व्‍यक्ति के सामान का क्‍या करना चाहिए.

मरे हुए व्यक्ति के इन सामानों का ना करें उपयोग

कपड़े- गरुड़ पुराण के अनुसार मरे हुए व्‍यक्ति के कपड़ों का गलती से भी इस्‍तेमाल नहीं करें. वरना मृत व्‍यक्ति की आत्‍मा उस व्‍यक्ति से जुड़ जाती है. मृत व्‍यक्ति की यादें उसे लगातार परेशान करती हैं. इस कारण उस व्‍यक्ति को लगातार मानसिक-शारीरिक कष्‍ट सहना पड़ता है. लिहाजा बेहतर होगा कि मृत व्यक्ति के कपड़ों को किसी जरूरतमंद को दान कर दें. ऐसा करने से मृत व्‍यक्ति की आत्‍मा को भी शांति मिलती है. वरना पितृ दोष लगता है.

गहनें- गरुड़ पुराण के अनुसार मृत व्यक्ति के गहनों का भी इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए. गहनों में मृत व्‍यक्ति की ऊर्जा रहती है. ऐसे में मृत व्‍यक्ति के गहनों को कभी भी ना पहनें. यदि मृतक के गहनों को कोई दूसरा व्‍यक्ति पहन लें तो उसे असहजता महसूस होती है. साथ ही मृतक व्‍यक्ति की आत्‍मा भी मोक्ष नहीं जाती, बल्कि मृत्‍यु लोक में ही भटकता रहता है. साथ ही परिवार को पितृ दोष भी लगता है.

घड़ी – मृत व्यक्ति की कभी घड़ी तो गलती से भी ना पहनें. घड़ी में भी मृतक की ऊर्जा रह जाती है. बेहतर होगा कि मृतक की घड़ी किसी को दान कर दें. वरना पूरे परिवार को पितृ दोष लगता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. AAJ KI NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)