नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपने कर्मियों को अनजान नंबरों से आने वाली काल रिसीव नहीं करने के साथ ही इंटरनेट मीडिया से दूर रहने की सलाह दी है। दुश्मन जासूसों को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में डीआरडीओ के वरिष्ठ विज्ञानी प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह सलाह जारी की गई है।
अज्ञात नंबरों या विदेशी नंबरों से बचे
डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया, वरिष्ठ विज्ञानी प्रदीप कुरुलकर की गिरफ्तारी के बाद, हमने अपने सभी कर्मियों को साइबर अनुशासन बनाए रखने के लिए सलाह जारी की है। अज्ञात नंबरों या विदेशी नंबरों से आने वाली काल रिसीव करने से मना किया गया है। कर्मियों को इंटरनेट मीडिया से भी दूर रहने को कहा गया है। अधिकारियों ने कहा कि कर्मियों को सोशल मीडिया पर उपस्थिति से बचने के लिए भी कहा गया है क्योंकि इससे अजनबियों के साथ जुड़ाव हो सकता है और कोई भी इस तरह के दुश्मन खुफिया गुर्गों का शिकार हो सकता है। डीआरडीओ के प्रमुख डॉ. समीर वी कामत ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया है और सहानुभूति व्यक्त की है कि रक्षा अनुसंधान एजेंसी में सभी को इंटरनेट का उपयोग करते समय जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए।
देश के अधिकारियों को निशाना बनाने की कोशिश
डीआरडीओ के प्रमुख डा. समीर वी कामत ने इस बात पर जोर दिया है कि रक्षा अनुसंधान एजेंसी में सभी कर्मियों को इंटरनेट का उपयोग करते समय जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए। तीन मई को, महाराष्ट्र एंटी-टेरर स्क्वाड ने डीआरडीओ के विज्ञानी प्रदीप कुरुलकर को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
वह कथित तौर पर एक महिला द्वारा हनीट्रैप में फंस गया था, जिससे उसने पिछले साल सोशल मीडिया पर दोस्ती की थी। डीआरडीओ ने उनकी गतिविधियों की जांच की थी और प्रथम दृष्टया जानकारी लीक करने वाला पाया गया था जिसके बाद उन्हें उस प्रयोगशाला के निदेशक के पद से बर्खास्त कर दिया गया था जिसका वह पुणे में नेतृत्व कर रहे थे। वह पुणे में अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियरों) के प्रमुख थे।