ED का समन, MLA का अचानक इस्तीफा… झारखंड में CM सोरेन के प्लान पर भाजपा ने फंसाया पेंच?

ED summons, MLA's sudden resignation... BJP messed up CM Soren's plan in Jharkhand?
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Jharkhand Hemant Soren News: झारखंड की राजनीति में एक इस्तीफे से हलचल पैदा हो गई है. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक ने अचानक इस्तीफा (Jharkhand MLA Sarfaraz Ahmed Resigns) दिया तो भाजपा ने कारण बता सरकार में खलबली मचा दी. भाजपा का आरोप है कि गांडेय सीट से विधायक सरफराज अहमद (64) ने इस्तीफा दिया नहीं बल्कि दिलवाया गया है जिससे सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन वहां से विधानसभा चुनाव लड़ सकें. क्या सच में मुख्यमंत्री प्लान-बी पर काम कर रहे हैं और क्या सीएम आगे इस्तीफा देने वाले हैं? ऐसे सवाल पिछले 24 घंटे से रांची के सियासी गलियारों में तैर रहे हैं. वैसे, ऐसी अटकलें तब से लगाई जा रही हैं जब से सीएम सोरेन को एक मामले में ED का समन आने लगा. अब रांची लैंड स्कैम केस में उन्होंने सातवीं बार ईडी के समन को नजरअंदाज किया है. हालांकि अब उनसे तारीख, समय और स्थान बताने को कहा गया है. इससे लग रहा है कि अब उन्हें ईडी के सामने जाना ही होगा. अचानक विधायक का इस्तीफा आया तो गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झामुमो के इस कथित प्लान पर पेंच भी खड़ा कर दिया.

क्या फंस गए सोरेन?

हां, भाजपा सांसद ने कहा है कि झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए एक साल से भी कम समय रह गया है, ऐसे में गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं कराया जा सकता. उन्होंने इस संबंध में मुंबई हाई कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया. उन्होंने लिखा, ‘मुम्बई हाईकोर्ट के काटोल विधानसभा के निर्णय के अनुसार अब गांडेय में चुनाव नहीं हो सकता. काटोल सीट जब महाराष्ट्र में ख़ाली हुई तब विधानसभा का कार्यकाल 1 साल 50 दिन बचा था. राज्यपाल महोदय अगर कल्पना सोरेन जी कहीं से विधायक नहीं बन सकती हैं तो मुख्यमंत्री कैसे बनेंगी? झारखंड को चारागाह कांग्रेस बनाने की कोशिश कर रही है.’

सीएम बोले, हम दबाव में झुकेंगे नहीं

हालांकि सीएम हेमंत सोरेन ने दावा किया है कि उनकी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद फिर से सरकार बनाएगी. एक कार्यक्रम में सोरेन ने कहा कि 2019 में जिस दिन हमारी सरकार बनी, उसी दिन से विपक्षी इसे गिराने की साजिशों में जुट गए. हम किसी डर या दबाव के आगे झुकने वाले नहीं हैं।

उधर, वरिष्ठ भाजपा विधायक सी पी सिंह ने आरोप लगाया है कि विधायक के इस्तीफे का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कल्पना सोरेन इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकें जिससे हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय के सातवीं बार तलब करने की पृष्ठभूमि में वह अगली मुख्यमंत्री बन सकें. भाजपा कहना चाहती है कि सीएम सोरेन सत्ता को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. वैसे राज्य में विधानसभा चुनाव साल के अंत में होने वाले हैं.

एक इस्तीफे पर इतना आश्चर्य क्यों?

दअसल, झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद तीन बार से विधायक थे. सरफराज ने इस्तीफे की कोई पुख्ता वजह नहीं बताई है. विधानसभा सचिवालय की ओर से इतना बताया गया, ‘झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने गांडेय से विधायक सरफराज अहमद का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. यह निर्वाचन क्षेत्र 31 दिसंबर, 2023 से रिक्त है.’ अहमद ने मीडिया से सिर्फ इतना कहा, ‘मैंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है.’

भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि झामुमो की यह सोची-समझी रणनीति है कि ईडी समन को लेकर अगर कोई आकस्मिक स्थिति पैदा होती है तो पार्टी लोगों की सहानुभूति बटोर सके. सीएम को जांच अधिकारी को अपनी पसंद के हिसाब से तारीख, स्थान और समय बताने को कहा गया है जिससे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनका बयान दर्ज किया जा सके. सोरेन ने केंद्र सरकार पर राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.