एकनाथ शिंदे ने दशहरे पर किया असली तख्तापलट, उद्धव ठाकरे के सीने में तीर की तरह चुभेगा यह वार

Eknath Shinde did a real coup on Dussehra, this attack will pierce Uddhav Thackeray's chest like an arrow
Eknath Shinde did a real coup on Dussehra, this attack will pierce Uddhav Thackeray's chest like an arrow
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मुंबई: दशहरे का दिन शिवसेना के लिए अहम दिन माना जा रहा था। असली और नकली शिवसेना की लड़ाई के बीच उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे का शक्ति प्रदर्शन था। उद्धव गुट ने शक्ति प्रदर्शन के लिए मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क को चुना था। वहीं एकनाथ शिंदे बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में में गरजे। इस दौरान एकनाथ शिंदे के साथ मंच पर जो लोग नजर आए यह उद्धव ठाकरे के लिए एक और बड़ा झटका था। उद्धव के परिवार के लोग एकनाथ शिंदे के साथ आए। उद्धव के लिए यह हैरान कर देने वाला था। परिवार से एक-एक करके सदस्य एकनाथ शिंदे खेमे में जा रहे हैं। ठाकरे परिवार के ये लोग न सिर्फ मंच पर दिखे, बल्कि एकनाथ शिंदे ने उन्हें अपने बगल में बैठाया।

दिवंगत बाल ठाकरे के बेटे और उद्धव ठाकरे के बड़े भाई जयदेव ठाकरे, उनकी अलग हो चुकी पत्नी स्मिता ठाकरे और बेटे निहार के साथ शिंदे के साथ मंच पर नजर आए। इसके साथ ही ठाणे के दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दीघे की बहन ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की दशहरा रैली में मौजूद रहीं।

बाल ठाकरे का पर्सनल स्टाफ पहले से शिंदे के साथ
इससे पहले सितंबर में बाल साहेब ठाकरे (Bala Saheb Thackeray) के पर्सनल स्टाफ चंपा सिंह थापा बागी एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट शामिल हो गए थे। उनके साथ बालासाहेब के टेलिफोन ऑपरेटर मोरेश्वर राजे भी शिंदे गुट में आ गए थे। जब तक बालासाहेब सक्रिय राजनीति में थे, दोनों उनके घर मातोश्री में उनके पर्सनल स्टाफ थे।

शिंदे ने ठाकरे परिवार को बगल में बिठाया
स्मिता ठाकरे अपने बेटे निहार के साथ कार्यक्रम स्थल पर सबसे पहले पहुंचीं। कुछ देर बाद उद्धव के बड़े भाई और स्मिता के अलग हुए पति जयदेव ठाकरे भी पहुंचे और उन्हें सीधे मंच पर ले जाकर शिंदे के बगल में बिठाया गया। निहार ठाकरे ना सिर्फ बालासाहेब ठाकरे के पोते हैं बल्कि बीजेपी नेता और 1995 से 2009 तक मंत्री रहे हर्षवर्धन पाटील के दामाद भी हैं।

‘एकनाथ शिंदे के मुद्दे पसंद’
जयदेव ठाकरे ने बैठी हुए भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, ‘वह मेरे प्यारे एकनाथ शिंदे हैं। पिछले कुछ दिनों से, मुझे फोन आ रहे हैं कि क्या मैं शिंदे समूह में शामिल हो रहा हूं। मैं कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जिसे किसी से बांधा जा सके। मुझे एकनाथ के उठाए गए 4-5 मुद्दे पसंद हैं, और इसलिए मैं यहां आया हूं। वह किसान की तरह बहुत मेहनती है।’

आनंद दिघे की बहन भी शिंदे गुट में
इसके बाद आनंद दिघे की बहन अरुणा गडकरी भी मंच पर आईं और उनका अभिनंदन किया गया। सीएम शिंदे ने अपने भाषण में, आनंद दिघे की मृत्यु के बाद अरुणा गडकरी की अपनी यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उन्हें याद है कि कैसे दीघे ने हमेशा कहा था कि एक दिन, महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री ठाणे से होगा।

स्मिता ठाकरे और बेटा निहार
बहुत बाद में स्मिता अपने बेटे के साथ मंच पर गई। निहार को शिंदे के बगल में मंच पर बिठाया गया। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में रैली में ठाकरे परिवार की मौजूदगी का जिक्र किया। बाल ठाकरे के सहयोगी थापा, जो हाल ही में शिंदे खेमे में शामिल हुए थे, भी मौजूद थे। शिंदे ने उद्धव खेमे द्वारा थापा के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणियों का जिक्र किया और टिप्पणियों की निंदा की।