ताला-चाबी से लेकर अंग्रेजों के लिए तिजोरी तक…127 साल के गोदरेज का क्यों हुआ बंटवारा, अब किसके हाथों में कमान

From lock and key to the safe for the British... Why was 127 year old Godrej divided, in whose hands is the command now?
From lock and key to the safe for the British... Why was 127 year old Godrej divided, in whose hands is the command now?
इस खबर को शेयर करें

Godrej : गोदरेज का नाम सुनते ही दिमाग में तिजोरी, आलमीरे की तस्वीर बनने लग जाती है, लेकिन ये ब्रांड सिर्फ यही नहीं बनाता. घर के ताले से लेकर लग्जरी फ्लैट तक, खाने से लेकर साबुन तक गोदरेज कई सेक्टर तक फैसा है. जिस कंपनी ने गुलाम भारत से आजादी की पहली सुबह तक देखी, आज 127 साल बाद उस कंपनी का बंटवारा हो गया. कंपनी दो हिस्सों में बंटने जा रही है. इसी के साथ लंबे वक्त से गोदरेज के बंटवारे के विवाद थम गया है. इस बंटवारे की खबर आते ही लोगों के मन में सवाल उठने लगे कि आखिर देश के सबसे पुराने और बड़े कॉरपोरेट घरानों में शामिल गोदरेज परिवार में ये नौबत आई क्यों? बंटवारे के बाद अब किसके हाथों में क्या होगा, किसे जिम्मेदारी मिलेगी ?

क्यों हो रहा गोदरेज परिवार में बंटवारा
गोदरेज दो हिस्सों में बंट रहा है. एक तरफ आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनके चचेरे भाई जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज कृष्णा हैं. आदि गोदरेज समूह के अध्यक्ष हैं तो नादिर गोदरेज इंडस्ट्रीज और गोदरेज एग्रोवेट में अध्यक्ष पद पर है. जबकि उनके चचेरे भाई जमशेद नॉन-लिस्टेड गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के अध्यक्ष हैं. उनकी बहन स्मिता कृष्णा और रिशाद गोदरेज के पास भी गोदरेज एंड बॉयस में हिस्सेदारी है. गोदरेज कंपनियों में अपनी शेयर-होल्डिंग के ऑनरशिप री-स्ट्रक्चर के लिए ये बंटवारा किया जा रहा है. गोदरेज परिवार के सदस्यों के अलग-अलग दृष्टिकोणों को स्वीकार करते हुए, कंपनी में स्वामित्व को बेहतर ढंग से तय करने के लिए बंटवारा किया गया.

गोदरेज के बंटवारे के बाद किसे क्या मिला
इस बंटवारे से आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज को गोदरेज ग्रुप की 5 लिस्टेड कंपनियां – गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज की ऑनरशिप मिली है तो वहीं जमशेद और उनकी बहन स्मिता को अनलिस्टेड कंपनियों और लैंड बैंक का स्वामित्व मिला है. बंटवारे के बाद अब नई जेनरेशन के हाथों में अहम जिम्मेदारियां होगी. बंटवारे के बाद गोदरेज एंड बॉयस के तहत काम करने वाली इंजीनियरिंग, होम अप्लायंसेस, फर्नीचर, सिक्योरिअी प्रोडक्ट्स, सिस्टम्स फॉर एयरोस्पेस, इंडस्ट्रियल लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट की जिम्मेदारी जमशेद गोदरेज और उनकी बहन के हाथों में होगी.

गोदरेज में नए जेनरेशन की एंट्री
समूह में नए जेनरेशन को जिम्मेदारियां सौंपने की तैयारी हो रही है. आदि गोदरेज के बेटे पिरोजशा गोदरेज गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप के नए चेहरा होंगे. कंपनी के वाइस चेयरमैन की जिम्मेदारी संभालेने के बाद साल 2026 में वो नादिर गोदरेज की जगह लेंगे. वर्तमान में वो गोदरेज रियल एस्टेट बिजनेस की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. वहीं अब नायरिका होल्कर भी कंपनी में बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगी. नायरिका होल्कर जमशेद गोदरेज की भांजी और स्मिता कृष्णा की बेटी हैं.

कैसे हुई थी गोदरेज की शुरुआत
साल 1897 में वकील से उद्यमी बने अर्देशिर गोदरेज ने कंपनी की शुरुआत की थी, अपने भाई से साथ मिलकर वो हाथों से ताले-चाबी, मेडिकल डिवाइस बनाते थे. शुरुआत सर्जिकल ब्लेड से की, लेकिन उन दिनों चोरी की घटनाएं बढ़ने लगी. अर्देशिर को ताला बनाने का आइडिया आया. ये आइडिया हिट हो गया. साल 1911 में किंग जॉर्ज पंचम ने अपने कीमती सामानों को रखने के लिए अर्देशिर को मजबूत तिजोरियां बनाने का आर्डर दिया . इसके बाद कंपनी धीरे-धीरे कई सेक्टरों में फैल गई.

गोदरेज फैमिली ट्री
चूंकि अर्देशिर के कोई संतान नहीं थी, इसलिए उनके छोटे भाई पिरोजशा को गोदरेज समूह विरासत में मिला. पिरोजशा के चार बच्चे थे. सोहराब, दोसा, बुरजोर और नवल. गोदरेज की जिम्मेदारी पिता ने बुरजोर और नवल को सौंपी. बुरजोर के बेटे आदि गोदरेज और नादिर गोदरेज हुए, वहीं नवल के बेटे जमशेद गोदरेज और बेटी स्मिता कृष्णा हैं. सोहराब के कोई संतान नहीं थी. दोसा के एक बेटे राशिद हैं. गोदरेज फैमिली के अगले यानी चौथे जेनरेशन की ओर बढ़े तो आदि गोदरेज के तीन बच्चे तान्या, निसाबा और पिरोजशा हैं. वहीं नादिर के तीन बच्चे हैं. जमशेद गोदरेज की दो संतान राइका और नवरोज है तो स्मिता की प्रेयर और नायरिका हैं. रिशद गोदरेज की कोई संतान नहीं है.

कितना बड़ा है गोदरेज ग्रुप का कारोबार?
गोदरेज समबह के कारोबार का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि शेयर बाजार में इनकी पांच कंपनियां लिस्टेड है, जिसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 2.4 लाख करोड़ रुपए है. कंपनी की फ्लैगशिप गोदरेज इंडस्ट्रीज है जिसका मार्केट कैप 32,344 करोड़ रुपए का है. इसके अलावा कंपनी की कई नॉन लिस्टेड कंपनियां भी है. गोदरेज एग्रोवेट, गोदरेज प्रॉपर्टीज और एस्टेक लाइफ साइंसेस भी हैं.