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चंडीगढ: हरियाणा और पंजाब में बीते कुछ दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है। इसे लेकर विशेषज्ञ चिंतित हैं कि इसका असर हमारी गेहूं की फसल पर पड़ सकता है। यूं कहें कि हरियाणा और पंजाब के किसानों को मौसम की मार झेलना पड़ सकता है। मौसम विभाग के कार्यालय ने कहा कि सूखे की इस अवधि के लिए महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ या कैस्पियन सागर से उत्पन्न होने वाले और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आगे बढ़ने वाली तूफान प्रणालियों की अनुपस्थिति को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उच्च तापमान और वर्षा की कमी दोनों राज्यों में गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है, जो देश के प्रमुख अन्न भंडार हैं। पंजाब और हरियाणा में अधिकतम तापमान औसत से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम औसत से 3-5 डिग्री अधिक है। अगले कुछ दिनों में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। चंडीगढ़ समेत दोनों राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में अधिकतम और न्यूनतम में कोई खास बदलाव की संभावना नहीं है।
लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आने वाले दिनों में यह सिलसिला जारी रहा, तो इससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। पीएयू ने कहा कि चूंकि फसल प्रजनन वृद्धि की अवधि के करीब पहुंच रही है, जो तापमान के प्रति संवेदनशील है, एंथेसिस के बाद की अवधि के दौरान उच्च तापमान से उपज में कमी आ सकती है।