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Haryana Punjab farmers Protest: हाल ही में हरियाणा और पंजाब में हुई भारी बारिश के बाद बाढ़ का सितम देखने को मिला. दोनों राज्यों के कई जिले जलमग्न हो गए, जिसकी वजह से किसानों की फसल पूरी तरह से खराब हो गई. यही नहीं बारिश की वजह से लोगों के घरों को भी नुकसान हुआ है. अब बाढ़ के बाद किसानों ने सरकार द्वारा पर्याप्त मुआवजे की मांग को लेकर मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है. कल यानी 22 अगस्त को हरियाणा और पंजाब के किसान चंडीगढ़ में प्रदर्शन करेंगे.
किसानों की प्रमुख मांग
– केंद्र सरकार से 50 हजार करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग.
– घग्गर योजना के तहत सभी नदियों का स्थाई समाधान किया जाए, जिससे भविष्य में बाढ़ जैसे हालातों से निपटा जा सके.
– बाढ़ से प्रभावित किसानों को 50 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देने की मांग.
– बाढ़ की वजह से हुई पशुओं की मृत्यु और बोरवेल खराब होने पर मुआवजा.
– बाढ़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को आश्रितों को 10 लाख रुपये का मुआवजा.
– 1 साल के लिए सभी तरह के कर्ज और ब्याज माफ करने की मांग
– MSP गारंटी देने की मांग.
– मनरेगा योजना के तहत 200 दिन तक काम देने की मांग.
राज्य सरकार द्वारा मिला मुआवजा पर्याप्त नहीं
बाढ़ की वजह से हुए नुकसान के बाद राज्य सरकार की तरफ से मुआवजे का ऐलान किया गया है, लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार की तरफ से दिया जाने वाला मुआवजा पर्याप्त नहीं है. इसलिए सरकार किसानों को पर्याप्त मुआवजा दे.
राज्यपाल से मुलाकात
बाढ़ पीड़ित किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर रविवार को चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से भी मुलाकात की. हालांकि किसानों की राज्यपाल से मुलाकात बेनतीजा रही. वहीं किसानों से मुलाकात के बाद राज्यपाल ने हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिवों को किसाने की मांगों को लेकर चिट्ठी जारी की है. किसानों ने राज्यपाल के इस कदम का स्वागत किया, साथ ही कहा कि मांगे पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रहेगा.
गांव-गांव जाकर किसान कर रहे प्रचार
बाढ़ पीड़ित किसान गांव-गांव जाकर 22 अगस्त को होने वाले प्रदर्शन के बारे में प्रचार कर रहे हैं और लोगों से इसमें शामिल होने की अपील कर रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि क्या एक बार फिर चंडीगढ़ में किसानों प्रदर्शन के लिए एकत्र होंगे या फिर सरकार उनकी मांगों पर विचार करती है.