हरियाणा में ट्रैक्टर खिंचवाने के बाद अब मासूम को प्रदर्शन में शामिल करने पर बढी कांग्रेस की मुश्किलें

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चंडीगढ़। हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कांग्रेस के पेपर लीक प्रदर्शन में मासूम को शामिल करने पर स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने चंडीगढ़ के डीसी को पत्र लिखकर कांग्रेस नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विधायक शकुंतला खटक, कुलदीप वत्स व अन्य के लिए खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।

इससे कांग्रेस विधायकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बीते बजट सत्र में महिला विधायकों से ट्रैक्टर खिंचवाने पर कांग्रेस घिरी थी, जबकि मानसून सत्र में मासूम को पेपर लीक प्रदर्शन में शामिल कर मुसीबत मोल ले ली। भाजपा ने शुक्रवार को ही इस मामले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था। आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने डीसी को लिखे पत्र में कहा कि कांग्रेस विधायकों के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस केयर एवं प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन एक्ट, 2015 के सेक्शन 75 के तहत कार्रवाई की जाए।

तीसरी कक्षा के बच्चे को विधायक जबरदस्ती प्रदर्शन में लाए थे। मासूम को यह मालूम ही नहीं था कि उसे किसलिए लाया गया है। यह बाल अधिकारों का घोर उल्लंघन है। यह क्रूरता और मासूम मानसिक रूप से भी प्रताड़ित हुआ है। इसलिए उसके मौलिक अधिकारों का हनन करने के लिए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

एक्ट के तहत मामला दर्ज होने पर ये है सजा का प्रावधान
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 की धारा-75 के तहत नियमों का उल्लंघन करने पर कैद और जुर्माने का प्रावधान है। इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की सजा और 5 लाख का जुर्माना लग सकता है। धारा-75 में ये भी कहा गया है कि अगर क्रूरता बरते जाने से बच्चा किसी मानसिक रोग की चपेट में आता है तो 3 से 10 साल तक की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।