णदीप सुरजेवाला के खिलाफ हरियाणा के 16 वर्ष पुराने केस में विजिलेंस जांच, जाने क्या है पूरा मामला

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चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व बिजली मंत्री एवं कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला को 16 साल पुराने ईपीएफ गड़बड़ी मामले में लपेटने की कार्रवाई शुरू हो गई है। रणदीप सुरजेवाला का इस मामले में हालांकि सीधे तौर पर कोई संबंध नहीं है, लेकिन फिर भी उनके नाम पर विजिलेंस जांच आगे बढ़ाई गई है।

विजिलेंस जांच में रणदीप सुरजेवाला का नाम सिर्फ इसलिए शामिल किया गया, क्योंकि उस समय वे बिजली मंत्री थे और उन पर मैनपावर सप्लाई करने वाली ठेकेदार एजेंसी से सांठगांठ करने के आरोप लगाए गए थे। यह मामला गृह मंत्री अनिल विज के दरबार में भी पहुंचा था।

रणदीप सुरजेवाला के कार्यकाल में संधू मैनपावर सप्लाई एजेंसी ने तत्कालीन भिवानी जिले में कर्मचारियों के ईपीएफ को लेकर घालमेल करने का काम किया। उल्लेखनीय है कि शिकायतकर्ता की अपील को हाईकोर्ट में खुद शिकायतकर्ता ही वापस ले चुका है। इसके अलावा हरियाणा की मौजूदा सरकार भी हाई कोर्ट में यह कह चुकी है कि इस मामले में रणदीप सुरजेवाला की कोई भूमिका नहीं है। 17 मई को यह इंक्वायरी शुरू की गई है, जिसे दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की विजिलेंस विंग को सौंपा गया है।

आरोपित एजेंसी इस मामले में काफी विवादास्पद है और उसके खिलाफ 32 अन्य मामलों में ईपीएफ गड़बड़ी के केस चल रहे बताए जाते हैं। इस मामले में 4.5 लाख के कोंटेक्ट में 20 लाख रुपये रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है, जो स्वीकार योग्य नहीं माना जा रहा है। किसान कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र सिंह भूरा ने कहा कि इस विजिलेंस जांच में पूर्व बिजली मंत्री के बजाय कांग्रेस के वर्तमान मीडिया प्रभारी के तौर पर रणदीप सुरजेवाला का नाम शामिल किए जाने से यह साफ नजर आ रहा है कि उन्हें सियासी कारणों के कारण इस मामले में जानबूझकर लपेटा जा रहा है। हरियाणा भाजपा के प्रवक्ता सुदेश कटारिया ने कहा कि प्रदेश सरकार और मारुति के बीच एमओयू साइन होने से कांग्रेस के उन नेताओं की बोलती बंद हो गई है, जो मारुति के पलायन करने की अफवाह उड़ाकर प्रदेश का आर्थिक नुकसान करने में तुले हुए थे।

सुदेश कटारिया ने कहा कि गुरुग्राम के बाद अब खरखौदा में मारुति की मदर यूनिट लगने से जहां 13 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं राज्य में नये औद्योगिक निवेश के रास्ते खुलेंगे। भाजपा प्रवक्ता सुदेश कटारिया ने कहा कि कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कई बार ऐसी अफवाह उड़ाई कि मारुति हरियाणा से बाहर जाने वाली है। ऐसी अफवाहें सुनकर खुद मारुति प्रबंधन असमंजस में रहा। बार-बार कांग्रेस ने झूठी अफवाहें फैलाकर औद्योगिक निवेश को हरियाणा में आने से रोका, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार ने प्रदेश में कांग्रेस को एक बार फिर झूठ की राजनीति करने वाला दल साबित कर दिया है। खरखौदा में अब 800 एकड़ और 100 एकड़ भूमि पर मारुति के नए प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं, जिनका एमओयू हो चुका है।

सुदेश कटारिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट होस्पिटेलिटी का लाइसेंस रद होने के संबंध में कहा कि भाजपा सरकार किसी भी अनियमितता को बर्दाश्त नहीं कर सकती। विस्तृत जांच पड़ताल के बाद तथ्यों के आधार पर शहरी आयोजना विभाग को जो ठीक लगा, वह अमल में लाया गया है। उन्होंने कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के विरुद्ध विजिलेंस जांच शुरू होने पर कहा कि सुरजेवाला बार-बार जांच की मांग करते हैं। अब उन्हें जांच के लिये तैयार रहना चाहिये। भाजपा प्रवक्ता ने जमीन अधिग्रहण के बारे में कहा कि हमारी सरकार किसान हितैषी सरकार है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और मुख्यमंत्री मनोहर लाल दोनों किसान हितैषी नेता हैं। हमारी सरकार ने कभी भी जमीनों का अधिग्रहण नहीं किया, बल्कि पोर्टल बनाकर भू-स्वामियों की इच्छा से जमीन उनकी मांगी गई कीमत पर खरीदने का काम किया है। ऐसी सरकार और ऐसे नेता कम ही होते हैं।