कांच के गिलास में कभी न पीएं पानी, सेहत ही नहीं संपत्ति पर भी पड़ता है असर

इस खबर को शेयर करें

नई दिल्‍ली: हर व्‍यक्ति दिन में कई बार पानी (Water) पीता है और शरीर में सबसे बड़ा हिस्‍सा भी पानी का ही होता है. लिहाजा अच्‍छी सेहत के लिए पानी और पानी पीने का तरीका बहुत मायने रखता है. इतना ही नहीं इसका संबंध ज्‍योतिष से भी है. व्‍यक्ति किस धातु या सामग्री से बने गिलास से पानी पीता है, इसका असर उसके जीवन, सेहत (Health) और आर्थिक स्थिति भी पड़ता है. आज हम जानते हैं कि किस तरह के गिलास (Glass) में पानी पीने का क्‍या असर होता है.

पानी का गिलास और उससे होने वाला असर
चांदी का गिलास: चांदी का सबसे शुद्ध धातु में से एक माना गया है. घर में चांदी के बर्तन होना और उनमें भोजन करना घर में सुख-समृद्धि बढ़ाता है. इससे घर के सदस्‍यों की सेहत अच्‍छी रहती है. चांदी के गिलास में पानी पीने से बार-बार सर्दी-जुकाम नहीं होता. यदि चांदी का गिलास न हो तो गिलास में पानी लेकर उसमें चांदी की अंगूठी डालकर पानी पीने से आर्थिक तंगी से राहत मिलती है. याद रखें की अंगूठी पहले अच्‍छी तरह साफ कर लें.

तांबे का गिलास: इस गिलास में पानी पीना सेहत के लिए बहुत अच्‍छा होता है. इससे शरीर के दूषित पदार्थ आसानी से बाहर निकलते हैं, ब्‍लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है. पेट संबंधी समस्‍याएं नहीं होती हैं. तांबे के बर्तन में रखा पानी ठंडा रहता है, जो गर्मी में बहुत राहत देता है.

पीतल का गिलास: पीतल को भी अच्‍छी धातु माना गया है. भोजन करने और पानी पीने में पीतल के बर्तनों का उपयोग करने से इम्‍युनिटी अच्‍छी होती है. गुरुत्‍व बल बढ़ता है. जिन लोगों का गुरु कमजोर हो, उन्‍हें भोजन करने, पानी पीने में पीतल के बर्तनों का उपयोग करना चाहिए.

स्‍टील का गिलास: स्‍टील को लोहा माना जाता है, जो कि शनि से संबंधित है. स्‍टील के गिलास में पानी पीने से फायदा तो नहीं होता है बल्कि गर्म पानी पीने से नुकसान जरूर होता है.

प्लास्टिक और कांच का गिलास: प्‍लास्टिक के गिलास में पानी नहीं पीना चाहिए. वहीं इन गिलास में गर्म पानी पीने से सेहत को बहुत नुकसान होता है. कांच के गिलास में पानी पी सकते हैं लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होता है.

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं.)