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देहरादून: इस साल गर्मियों में मध्य भारत में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। गर्मियों में हीटवेव चलने का अनुमान है। हालांकि उत्तराखंड में हीट वेव का अनुमान नहीं है। लेकिन राज्य में पूर्वी क्षेत्र में तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। मंगलवार को दून के एक होटल में आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीक के उपयोग पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कॉनक्लेव में आईएमडी-पुणे के वैज्ञानिक केएस होसलीकर ने यह पूर्वानुमान जताया। उन्होंने कहा कि पिछले 100 से 120 साल के आंकड़ों के आधार पर मौसम के बदलाव की कई जानकारियां सामने आईं हैं। जलवायु के चक्र में नए बदलाव हो रहे हैं। 1970 से तापमान में लगातार वृद्धि का ट्रेंड दर्ज किया जा रहा है। बारिश में कमी भी हो रही है।.
उत्तराखंड में बारिश का ट्रेंड बदला होसलीकर ने कहा कि उत्तराखंड में पिछले कुछ वर्षों में बारिश का ट्रेंड बदला है। रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और नैनीताल में बारिश में वृद्धि हुई है। जबकि पौड़ी समेत कुछ जिलों में बारिश में कमी भी देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि मार्च से मई के बीच राज्य में पश्चिमी क्षेत्र में तापमान औसत के बराबर रहेगा।
लेकिन पूर्वी इलाकों में तापमान अपेक्षाकृत बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि मौसम के डाटा और उसके विश्लेषण से विभिन्न क्षेत्रों के लिए रणनीतियां बनाई जा सकती हैं। तापमान में वृद्धि के पुर्वानुमानों के आधार पर संबंधित समय पर वनाग्नि, स्वास्थ्य, कृषि आदि सेक्टर के लिए योजनाएं बनाई जा सकती हैं।