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शिमला : हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में कमजोर रहा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 4 अगस्त तक प्रदेश के कई भागों में बारिश जारी रहने की संभावना जताई है। वहीं, 5 व 6 अगस्त के लिए प्रदेश मैदानी, मध्य व उच्च पर्वतीय भागों में फिर से भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। लाहौल-स्पीति को छोड़कर सभी अन्य जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश में 7 और 8 अगस्त को भी हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। वहीं, चंबा जिले के भलेई-तीसा मार्ग पर शाम 7:00 बजे पहाड़ दरकने से अफरातफरी मच गई। गनीमत ये रही कि जिस समय पहाड़ दरका मार्ग से कोई भी वाहन नहीं गुजर रहा था। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। मार्ग पर टनों के हिसाब से गिरे मलबे और पत्थरों के चलते वाहनों की रफ्तार थम गई है। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची लोक निर्माण विभाग के मशीनरी और मैन पावर मार्ग को खोलने में जुट गई। लेकिन, लगातार गिर रहे मलबे के बीच मार्ग बहाल करवा पाना विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता दीपक महाजन ने बताया कि सूचना मिलते ही विभागीय मशीनरी मौके पर भेजी गई। लेकिन, गिरते मलबे के बीच मार्ग बहाल कर पाना बड़ी चुनौती बना हुआ है।
एनएच पर गिरी चट्टान, नौ घंटे थमे रहे वाहनों के पहिये
उधर, भरमौर-पठानकोट हाईवे पर बग्गा के समीप चट्टान गिरने से वाहनों की रफ्तार नौ घंटे तक थमी रही। सोमवार सुबह 3:00 बजे अचानक पहाड़ी से भारी भरकम चट्टान मलबे के साथ हाईवे पर आ गिरी। इससे वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। इसके चलते अपने गंतव्यों की ओर जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सूचना मिलने के बाद एनएच मंडल और एनएचपीसी की मशीनरी मौके पर पहुंची। चट्टान को तोड़ने के लिए विभागीय मशीनरी और लेबर को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार मंगलवार सुबह 11:00 बजे हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल हो पाया। हाईवे बहाल होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं सुंडला-कैला-सलूणी मार्ग वाहनों के लिए बीते पांच दिन से बहाल नहीं हो पाया है। ऐसे में इस मार्ग से आवाजाही करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहाड़ी से निरंतर हो रहे भूस्खलन के कारण राहत कार्य करने में दिक्कत हो रही है।
दर्जनों गांवों में अंधेरा, पानी की किल्लत
कबायली क्षेत्र पांगी में भारी भूस्खलन के कारण पुर्थी स्थित 11 केवी फीडर भारी भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया। फीडर के क्षतिग्रस्त होने से नौ ट्रांसफार्मर बंद होने से दर्जनों गांवों में अंधेरा पसर गया है। सूचना मिलने के बाद विद्युत बोर्ड की टीम ने मौके पर पहुंचकर लाइनों का मरम्मत कार्य शुरू किया। अचानक बिजली गुल होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा जिले में नौ पेयजल योजनाएं भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गईं जिन्हें रिस्टोर करने के कार्य में जलशक्ति विभाग के कर्मी जुटे हुए हैं। जलशक्ति विभाग मंडल चंबा में तीन पेयजल योजनाएं और भरमौर में छह योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।
भारी बारिश से खेतों में पहुंचा मलबा, फसलों को नुकसान
वहीं, कांगड़ा जिले के मुलथान के भुजलीग गांव में भारी बारिश से बड़ी मात्रा में मलबा खेतों में पहुंच गया। इससे फसलों को नुकसान हुआ है। मुलथान तहसीलदार मुलथान पीसी कौंडल ने टीम सहित मौके पर जाकर नुकसान का जायजा लिया। प्रभावित किसानों ने प्रशासन से उचित मुआवजा देने की मांग उठाई है।
न्यूनतम तापमान
शिमला का न्यूनतम तापमान 16.1, सुंदरगनर 21.3, भुंतर 18.4, कल्पा 11.8, धर्मशाला 20.0, ऊना 23.0, नाहन 23.1, केलांग 8.9, पालमपुर 18.2, सोलन 19.4, मनाली 14.0, कांगड़ा 22.0, मंडी 21.3, बिलासपुर 24.0, हमीरपुर 22.2, ऊना 19.4, डलहौजी 16.5 , रिकांगपिओ 15.7, धौलाकुंआ 25.6, पांवटा साहिब 25.0 और कसौली में 17.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अधिकतम तापमान
ऊना में अधिकतम तापमान 36, कांगड़ा 31.5, चंबा 30.8, सुंदरनगर 32.3, बिलासपुर 33.5, शिमला 24.2, डलहौजी 23.5, केलांग 24.7, पालमपुर 26.4, हमीरपुर 32.3, कल्पा 25.5, रिकांगपिओ 30.7 और सोलन में 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।