राजस्थान में ओबीसी वोटरों का कितना है असर, किन सीटों पर है ज्यादा प्रभाव, जानें सबकुछ

How much is the influence of OBC voters in Rajasthan, which seats have more influence, know everything
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जयपुर। साल के आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी पार्टियां राजनीतिक समीकरण साधने में जुटी हुई हैं। इन चुनावो में अलग-अलग जातियों और समुदायों के वोटर अपनी भूमिका निभाते हैं। राजस्थान में दो पार्टियां मजबूती से चुनाव लड़ रही हैं। इनमें सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी शामिल है। ऐसे में राजस्थान के चुनावों में ओबीसी वोटरों की भूमिका क्या रहती है? राजस्थान की कितनी विधानसभा सीटों पर इन वोटरों का असर होता है? ये सब जानने का प्रयास करेंगे।

राजस्थान में कितना ओबीसी का प्रभाव
पूरे देश के साथ ही राजस्थान की राजनीति में ओबीसी वोटर एक बड़ा मुद्दा माना जाता है। लगभग हर पार्टी इस वर्ग को साधने की कोशिश में जुटी रहती है। इस दौरान पार्टियां ऐसे प्रत्याशियों को टिकट देने का प्रयास करती हैं जो उस सीट के जातीय समीकरण पर फिट बैठता हो। राजस्थान में भी ऐसा देखने को मिलता है। राजस्थान में लगभाग 55 फीसदी वोटर ओबीसी वर्ग से आते हैं। इस वर्ग वोटरों का प्रभाव राजस्थान की लगभग हर सीट पर है। ऐसे में साल के अंत में होने वाले चुनाव से पहले दोनों ही प्रमुख पार्टियां इस वर्ग को साधने की कोशिश करेंगी।

राजस्थान में कितने ओबीसी विधायक और सांसद
राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीट हैं। इनमें से लगभग तीस प्रतिशत विधायक ओबीसी समुदाय से हैं। राजस्थान में लोकसभा की भी 25 सीटें हैं। इन 25 सीटों में से 11 सांसद ओबीसी वर्ग से हैं। हालांकि, यहां से सभी 25 लोकसभा सांसद भारतीय जनता पार्टी से हैं।

ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की चल रही मांग
आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां ओबीसी वोटरों को साधने की कोशिश करेंगी। हालांकि, यह एक चुनौती भरा काम होगा। इस दौरान राज्य में ओबीसी आरक्षण को बढ़ाए जाने की भी मांग चल रही है। दरअसल राजस्थान में राज्य की सरकारी नौकरियों में ओबीसी के लिए 21 प्रतिशत आरक्षण है। इस आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग की जा रही है। ऐसे में लोगों को दोनों ही पार्टियां के घोषणापत्र का इंतजार है। यह देखनी वाली बात होगी कि आरक्षण को लेकर दोनों ही पार्टियों का क्या स्टैंड रहता है।