10-15 साल पुरानी है आपकी गाड़ी तो कबाड़ में भेज दो, सरकार उठा रही है गाडिय़ां..

If your car is 10-15 years old, then send it to the junkyard, the government is picking up the vehicles.
If your car is 10-15 years old, then send it to the junkyard, the government is picking up the vehicles.
इस खबर को शेयर करें

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को कम करने की दिशा में सरकार और एनजीटी की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन को दिल्ली में बैन करने के बाद अब सरकार उनके कबाड़ को भी उठाने की योजना शुरू कर चुकी है. ऐसे में अगर आप दिल्ली में रहते हैं और आपके पास 10 साल पुरानी डीजल गाड़ी या 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ी है तो स्क्रैप में भेज दीजिए. सरकार खुद गाड़ियां उठवा रही हैं और इसके लिए स्पेशल ऑपरेशन भी शुरू किया गया है.

परिवहन विभाग ने शुरू किया अभियान
दिल्ली सरकार ने बुधवार को पुराने वाहनों को सीधे कबाड़ (Scrap) में भेजने का अभियान शुरू किया. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य, वाहन मालिकों को दिल्ली में अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए प्रोत्साहित करना है. एक अधिकारी ने बताया, ‘नई पहल के तहत, यदि वाहन शहर की सड़कों पर चलते हुए या सार्वजनिक स्थानों पर पार्क किए गए पाए जाते हैं, तो उन्हें जब्त कर लिया जाएगा और सीधे स्क्रैपिंग यार्ड में भेज दिया जाएगा.’

बुधवार को परिवहन विभाग की एनफोर्समेंट विंग की 10 टीमों ने सिविल लाइंस क्षेत्र में अपना एक्शन शुरू किया. इस दौरान विंग ने 10 साल से अधिक पुराने (डीजल) और 15 साल पुराने (पेट्रोल) सड़क पर चल रहे या सार्वजनिक स्थान पर खड़े पाए गए 50 वाहनों को जब्त कर लिया. अधिकारी ने बताया कि आरवीएसएफ नियम-2021 के तहत पंजीकृत वाहन को ( RVSF-पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा) को स्क्रैपिंग के लिए सौंप दिया गया.

अन्य राज्यों के लिए नियम
अधिकारी ने बताया, ‘देश में कहीं भी 10 साल/15 साल से कम पुराने डीजल/पेट्रोल वाहनों के लिए एनओसी जारी किया जा सकता है. 10 साल से ऊपर के डीजल चलित वाहनों और 15 साल से ऊपर के पेट्रोल चलित वाहनों के लिए कुछ शर्तों के साथ अन्य राज्यों के लिए एनओसी जारी की जाएगी.’ NOC उन जगहों के लिए जारी नहीं की जाएगी, जिन्हें NGT के निर्देशों के अनुसार,राज्य द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है. एनजीटी ने राज्यों को आदेश दिया है कि वह ऐसे क्षेत्रों की पहचान करे जहां हवा का फैलाव अधिक है और वाहनों की संख्या कम है.

वाहन मालिकों के लिए विकल्प
वाहन मालिक यदि अपने वाहनों को राजधानी दिल्ली में चलाना चाहते हैं तो उनके पास अपने 10 साल पुराने डीजल / 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने का विकल्प होगा. हालांकि, सूचीबद्ध इलेक्ट्रिक किट वाले ऐसे वाहनों की रेट्रो फिटमेंट परिवहन विभाग द्वारा अनुमोदित एजेंसियों के माध्यम से करवानी होगी.

ऐसे वाहन मालिकों के पास दूसरा विकल्प स्वैच्छिक स्क्रैप का होगा. इसके तहत वाहन स्क्रैपिंग एप्लिकेशन (https://uscrap.parivahan.gov.in) पर आवेदन भरकर, वो इसे कबाड़ में तब्दील कर सकते हैं. यहां वाहन मालिक अपने नजदीक के किसी भी पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र का चयन कर सकते हैं.

कोर्ट का आदेश
2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसमें कहा गया था कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को ज़ब्त कर लिया जाएगा. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के 2014 के एक आदेश में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर खड़ा करने पर भी मनाही है.