चाची और भतीजे का अवैध संबंध… रोक-टोक पर प्रेमिका के नाबालिग बेटे का बेरहमी से कर दिया कत्ल

Illicit relationship between aunt and nephew... Girlfriend's minor son brutally murdered due to obstruction
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हरिद्वार। कनखल क्षेत्र में नए साल की पार्टी करने घर से निकले हरिद्वार नगर निगम की महिला कर्मचारी के नाबालिग बेटे की हत्या अवैध संबंध और संपत्ति के लालच में हुई थी। नाबालिग का कातिल उसकी मां का प्रेमी निकला। सामने आया कि रिश्ते की चाची और भतीजे के बीच कई साल से अवैध संबंध थे।

शक होने पर नाबालिग बेटे ने रोक-टोक की तो आरोपित ने शराब पिलाने के बाद पत्थर से कूचलकर उसकी हत्या कर डाली। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने मायापुर में प्रेस कान्फ्रेंस कर हत्याकांड से पर्दा उठाया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि कनखल के रविदास बस्ती का निवासी यश उर्फ कृष 31 दिसंबर की रात नए साल की पार्टी करने घर से निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा। अगली दोपहर बैरागी कैंप क्षेत्र में गंगा किनारे उसका शव मिला था। सिर पर चोट के निशान मिलने से उसकी हत्या की आशंका जताई गई।

ऐसे उठा मामले से पर्दा
यश की मां संयोगिता ने अमित कटारिया निवासी रविदास बस्ती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। सीओ सिटी जूही मनराल के नेतृत्व में इंस्पेक्टर कनखल अमर चंद्र शर्मा की टीम ने छानबीन की तो मामले का राजफाश हो गया। एसएसपी ने बताया कि पति जितेंद्र की मौत होने के बाद संयोगिता की नौकरी नगर निगम में लगी थी।

छानबीन में सामने आया कि इस बीच पड़ोस में रहने वाले अमित कटारिया से उसके अवैध संबंध हो गए थे। दोनों रिश्ते में चाची-भतीजे थे। यश को दोनों के बीच अवैध संबंध का शक होने लगा था। वह अपनी मां को अमित कटारिया से मिलने से मना करता था।

कुछ दिन पहले संयोगिता ने यह बात अमित को बताई, तभी से अमित उसे रास्ते से हटाने की फिराक में था। योजना के तहत 31 दिसंबर की रात वह यश को अपने साथ ले गया और अपने परिचित राहुल और विशाल के साथ मिस्सरपुर में सबने शराब पी।

बाद में अमित ने राहुल और विशाल को घर भेज दिया और यश को ज्वालापुर खरीदारी कराने के बहाने साथ ले गया। उसके बाद यश को बैरागी कैंप क्षेत्र में ले जाकर फिर शराब पिलाई। जब वह नशे में हो गया तो पहले रस्सी से गला दबाकर और फिर सिर पर पत्थरों से प्रहार कर उसकी हत्या कर दी।

हत्या को हादसा दिखाने का प्रयास
यश की हत्या को हादसा दिखाने के लिए भी अमित ने अपना शातिर दिमाग चलाया। उसने शव को स्कूटी सहित बैरागी कैंप के पास ढलान में नीचे नदी की ओर लुड़का दिया। ताकि लगे कि दुर्घटना में यश की मौत हुई है। हत्या के बाद घर लौटकर वह रात भर सोया नहीं।

हत्या करते वक्त उसके जूते व मौजों में खून के छीटें लग गए थे। संयोगिता ने इस बारे में पूछा तो अमित का कहना था कि पान की पीक गिर गई है। पुलिस ने आरोपित की निशानदेही पर यश उर्फ कृष का मोबाइल फोन व अमित की टी-शर्ट भी बरामद कर ली।

चर्चाएं होने पर बनाया था अलग घर
पति जितेंद्र की मौत के बाद रिश्ते के भतीजे से संयोगिता का रिश्ता बेहद नजदीक हो गया था। धीरे-धीरे मोहल्ले में यह बात आम होने लगी थी। इसलिए संयोगिता ने पहले से मिस्सरपुर में खरीदी गई जमीन पर एक घर बनाया। इस मकान का पूरा काम अमित कटारिया ने अपने देखरेख में कराया।

मकान बनने के बाद से दोनों इस जगह पर मिलने लगे थे। लेकिन, यश धीरे-धीरे बड़ा हो रहा था और रिश्तों व जायज-नाजायज की समझ रखने लगा था। इसीलिए मां के अमित से अवैध संबंधों की बात उसके कानों तक पहुंची तो वह मां के साथ टोकाटोकी करने लगा।

संयोगिता ने जब यह बात अमित को बताई तो उसने खौफनाक साजिश रच डाली। यश की हत्या में तो संयोगिता का हाथ सामने नहीं आया, लेकिन, उसके अवैध संबंध ही हत्या का कारण बनकर सामने आए हैं।

अनजान बनकर कराई तलाश
किसी को शक न हो, इसके लिए अमित संयोगिता व अन्य लोगों के साथ मिलकर यश की खोजबीन करने में शामिल रहा। ढूंढते-ढूंढते खुद ही बैरागी कैंप पहुंच गया और वहां यश का शव बरामद हो गया।

इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। लेकिन, उसने पुलिस के आने से पहले ही शव अस्पताल पहुंचवा दिया। इससे पुलिस का शक गहरा गया।

पुलिस टीम को शाबाशी
पेचीदा हत्याकांड का पर्दाफाश करने पर एसएसपी ने पुलिस टीम को शाबाशी दी। टीम में सीओ सिटी जूही मनराल, इंस्पेक्टर अमरचंद शर्मा, एसएसआइ बबलू चौहान, उपनिरीक्षक भजराम चौहान, उपनिरीक्षक कमल कांत रतूड़ी, उपनिरीक्षक धनराम शर्मा, हेड कांस्टेबल सतेंद्र सिंह व रविंद्र तोमर, कांस्टेबल मनीष रावत, बलवंत सिंह, सतेंद्र सिंह, उमेद सिंह, अरविंद नौटियाल व संजू सैनी शामिल रहे।