भोपाल। दो दशक भी नहीं बीते जब चंबल के बीहड़ों में डकैतों का कब्जा था। डकैत गिरोह किसी भी गांव, घर पर धावा बोलते और बंदूक के जोर पर रुपये-जेवरात लूट ले जाते। उनके अपराध के किस्से देश भर में फैले तो सरकार बदनाम हुईं। कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठे तो बैचेन सरकारों ने डकैतों को खत्म करने के लिए आत्मसमर्पण की योजनाएं बनाईं, पुलिस के विशेष दस्ते गठित किए। दशकों की कवायद के बाद डकैतों से तो मुक्ति मिल गई लेकिन अब तकनीकी के दौर में डकैती का स्वरूप भी बदल गया है। आमने-सामने घेरकर लूटने वाले डकैतों के बाद साइबर डकैत सक्रिय हैं, जिन्हें वर्चुअल दुनिया में पकड़ना मुश्किल भरा है।
लगे 137 कर्मियों ने डाक मतपत्र से किया मतदान
पिछले एक दशक में इंटरनेट क्रांति के साथ यह समस्या विकराल हो चुकी है। साइबर ठग सैकड़ों हजारों किलोमीटर दूर से आमजनों के घर, उनके बैंक एकाउंट में घुसकर मेहनत की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं। इनसे पीड़ित कई परिवारों ने पत्र लिखकर सामूहिक आत्महत्या कर ली और कुछ खामोश मौत मर गए, लेकिन साइबर डकैतों की यह समस्या राज्य में, देश में कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं बन पाई।
साइबर ठगी, बैंकिंग फ्रांड को रोकने के लिए सरकार जिम्मेदारी से भागती रही है, उनसे सवाल भी नहीं पूछा जा रहा जबकि साइबर ठगी जनता का बड़ा मुद्दा है। साइबर के लोन ठगी के कारण कोलार में पूरा परिवार खुदकुशी कर जान दे चुका है, इसके अलावा कोलार और गोविंदपुरा में दो छात्र अपनी जान गंवा चुके हैं।
भोपालियों के खातों से हर दिन छह लाख रुपये साइबर ठग उड़ा देते हैं। इनके जाल में उलझकर इस साल अभी तक शहरवासी 22 करोड़ रुपये गंवा चुके हैं। हालांकि 5785 शिकायतों के बाद साइबर क्राइम पुलिस ने 99 लाख रुपये होल्ड कर लिए हैं। बता दें कि साइबर क्राइम के पास जनवरी से 15 दिसंबर 2023 तक 5785 शिकायतें पहुंची हैं।
इनमें भोपाल के रहने वाले लोगों ने करीब 22.62 करोड़ रुपये खाते से धोखे से निकालने की बात कही है। इस लिहाज से हर माह करीब 1.96 करोड़ की राशि साइबर ठगों ने भोपालियों के खातों से निकाले हैं, जबकि 2024 में जनवरी से अभी तक 1167 शिकायत पहुंची हैं, इनमें छह करोड़ 49 लाख 82 हजार 318 रुपये गंवा चुके हैं। इसमें एक करोड़ 42 लाख की ठगी अकेले टास्क फ्राड के नाम पर हुई है।
राज्य साइबर सेल में पहुंचीं शिकायतें
मध्य प्रदेश के जिलों से साइबर सेल के पहुंचने वाली शिकायतों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। अभी तक राज्य साइबर सेल के पास शिकायतों की संख्या एक लाख के पार हो चुकी है। इसके लिए उनके पास पर्याप्त प्रशिक्षण बल की कमी भी एक कारण है।