अभी अभीः खौफनाक प्लेन क्रैश में भारतीय अरबपति समेत 6 की लोगों की दर्दनाक मौत, सहम उठा देश-यहां देंखे

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नई दिल्ली। भारतीय अरबपति हरपाल रंधावा की जिम्बाब्वे में मिड एयर प्लेन क्रैश में मौत हो गई। वो 60 साल के थे। प्लेन में उनके बेटे आमेर (22) समेत कुल 6 लोग सवार थे। सभी की इस दुर्घटना में मौत हो गई। सिंगल इंजन वाला सेसना 206 एयरक्राफ्ट हरारे से मुरोवा जा रहा था। क्रैश की वजह टेक्निकल फॉल्ट को बताया जा रहा है।

हरपाल रंधावा माइनिंग कंपनी रियोजिम के मालिक थे। यह कंपनी सोना, कोयला, निकल और तांबे का उत्पादन करती है। रंधावा के परिवार ने 4 अक्टूबर 2023 को उनके और उनके बेटे आमेर के लिए मेमोरियल सर्विस का आयोजन किया है। इसमें उनके सभी दोस्तों और अन्य लोगों को इनवाइट किया है। ये प्रोग्राम हारारे के रेनट्री में होगा।

29 सितंबर को सुबह 7.30 से 8 बजे के बीच ये दुर्घटना हुई
हेराल्ड न्यूज पेपर में पुलिस के हवाले से कहा गया है कि प्लेन में चार विदेशी नागरिक थे और अन्य दो जिम्बाब्वे के थे। पुलिस ने कहा कि 29 सितंबर को सुबह 7.30 से 8 बजे के बीच ये दुर्घटना हुई है। रियोजिम का यह एयरक्राफ्ट सुबह 6 बजे हरारे से माइन के लिए रवाना हुआ था और माशावा से लगभग 6 किमी दूर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

रंधावा के दोस्त ने कहा- निधन पर गहरा दुख हुआ
रंधावा के दोस्त जर्नलिस्ट और फिल्ममेकर होपवेल चिनोनो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा ‘मुझे रियोजिम के मालिक हरपाल रंधावा के निधन पर गहरा दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं उनकी पत्नी, परिवार, दोस्तों और रियोजिम कम्युनिटी के साथ हैं।’ चिनोनो साल 2017 में एक म्युचुअल फ्रेंड के माध्यम से रंधावा से मिले थे।

सोना, कोयला, निकल और तांबे का उत्पादन करती है कंपनी
रियोजिम को 29 अगस्त 1956 को रियो टिंटो साउदर्न रोडेशिया लिमिटेड के रूप में इनकॉर्पोरेट किया गया था। इसकी स्थापना शुरुआत में मिडलैंड्स में एम्प्रेस निकेल डिपॉजिट को डेवलप करने और खनन करने के लिए की गई थी। रियोजिम 2004 में रियो टिंटो पीएलसी से अलग हो गई थी। यह कंपनी सोना, कोयला, टोल रिफाइन निकल और तांबे का उत्पादन करती है।

सिंगल इंजन वाले एयरक्राफ्ट है सेसना 206
सेसना 206 फिक्स्ड लैंडिंग गियर के साथ सिंगल इंजन वाले एयरक्राफ्ट है। इसका इस्तेमाल कॉमर्शियल एयर सर्विस और इंडिविजुअल यूज के लिए भी किया जाता है। छह सीटों वाला एयरक्राफ्ट साल 1964 में पेश किया गया था और 1986 तक बनाया गया था, जब सेसना ने अपनी सिंगल इंजन प्रोडक्ट लाइन का उत्पादन रोक दिया था। इसके बाद 1998 में इसे दोबारा पेश किया गया।