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पटना. बिहार की सियासत (Bihar Politics) में रामचरितमानस (RamCharit Manas) पर खूब राजनीति हो रही है और इसके केंद्र में बने हुये बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर (Chandrashekhar). शिक्षा मंत्री ने हाल ही में सदन के अंदर रामचरितमानस के बहाने आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि मेरे बयान का जब संघ प्रमुख मोहन भागवत समर्थन किया है तो जो विरोध कर रहे हैं, उसका कोई मतलब नहीं है. साफ है चन्द्रशेखर के रामचरितमानस को लेकर दिए बयान और सदन में रामचरितमानस ग्रंथ लाने पर बीजेपी के साथ-साथ जदयू के कुछ विधायकों ने भी निशाना साधा है.
जदयू के कुछ विधायकों ने ना सिर्फ हमला बोला बल्कि शिक्षा मंत्री को एक बड़ी नसीहत भी दे दी जिसके बाद बिहार की सियासत फिर से तेज गई है. दरअसल वर्तमान में बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है और इस बजट सत्र में सबसे ज़्यादा अगर कोई चर्चा में है तो वो है बिहार के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर. हाल ही में वह सदन में रामचरितमानस की कॉपी लेकर पहुंचे थे और संघ प्रमुख मोहन भागवत का जिक्र भी किया था जिसके बाद बीजेपी के साथ-साथ जदयू ने भी उन पर निशाना साधा है और उन्हें आरएसएस में शामिल होने की नसीहत भी दे दी है.
जदयू विधायक डॉ संजीव ने शिक्षा मंत्री पर हमला बोलते हुए कहा है कि अब तो उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भी खराब लगता है. उन्हें अब शिक्षा मंत्री से इस्तीफा देकर आरएसएस (RSS) में शामिल हो जाना चाहिए, क्योंकि उन पर संघ प्रमुख मोहन भागवत का असर कुछ ज्यादा ही दिख रहा है. इसलिए वह बार-बार संघ प्रमुख के नाम का हवाला देकर अपनी बात को सच साबित करने पर तुले हुए हैं तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है कि वह संघ में ही शामिल हो जाए. वहीं जदयू के ही एक और विधायक नीरज कुमार कहते हैं कि गांधी, अंबेडकर, जेपी, लोहिया की राह पर चलने की बात कहने वाले लोग अब RSS की विचार धारा की बात कहने लगे है और मोहन भागवत की बात कह उनके समर्थन का हवाला दे रहे है ये तो अजीब विडंबना है. अगर चलना ही है तो बाबा साहब के बनाए संविधान की राह पर चले. लेकिन, चल रहे हैं आरएसएस प्रमुख की राह पर कही ऐसा तो नहीं कही पर निगाहें और कहीं पर निशाना.