अभी-अभी: उत्तराखंड में बीजेपी को बड़ा झटका, इस दिग्गज नेता ने छोड़ा साथ

इस खबर को शेयर करें

उत्तराखंड विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य आज दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस की सदस्यता लेकर दोनों नेताओं ने घर वापसी कर ली है।

गणेश गोदियाल और हरीश रावत भी दिल्ली में
दिल्ली में कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की उपस्थिति में प्रेस वार्ता में यशपाल और संजीव आर्य ने वापसी की। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे।

उत्तराखंड सरकार में मंत्री हैं यशपाल आर्य
यशपाल आर्य बाजपुर और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं। वहीं यशपाल आर्य पुष्कर सिंह धामी सरकार में मंत्री थे और उनके पास छह विभाग थे। जिसमें परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन और आबकारी विभाग शामिल थे।

आज पुनः अपने परिवार में शामिल हुआ: यशपाल
कांग्रेस में वापसी के बाद यशपाल आर्य ने कहा आज का दिन मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। राहुल गांधी के प्रयासों से आज पुनः अपने परिवार में शामिल हो रहा हूं। सुकून महसूस कर रहा हूं। मेरे सियासी सफर का आगाज कांग्रेस से हुआ। मैंने 40 साल तक कांग्रेस में काम किया है। यूपी से लेकर उत्तराखंड तक, जिला अध्यक्ष से लेकर स्पीकर के रूप में सेवा दी है। दो बार पीसीसी का अध्यक्ष रहा। कांग्रेस ने मुझे हमेशा बड़ी जिम्मेदारी दी। आज फिर से कांग्रेस में शामिल हुआ हूं। मेरा धर्म-कर्म होगा कि कांग्रेस को उत्तराखंड में स्थापित करने में काम करुं। कांग्रेस मजबूत होगी तो लोकतंत्र मजबूत होगा, एक कार्यकर्ता के रूप में काम करुंगा। यशपाल ने कहा कि अब कोई लालसा नहीं है, जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी उसे इॡईनदारी से निभाऊंगा।

यशपाल आर्य का व्यक्तिगत हित आगे आ गया था
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यशपाल आर्य के कांग्रेस में शामिल होने पर कहा कि भाजपा में देश पहले और पार्टी दूसरे स्थान पर है। जबकि व्यक्तिगत हित अंतिम स्थान पर है। धामी ने कहा कि वह समझते हैं कि यशपाल आर्य का व्यक्तिगत हित आगे आ गया था।

ये हुए भाजपा में हुए हैं शामिल
इससे पहले कांग्रेस विधायक राजकुमार, निर्दलीय प्रीतम सिंह पंवार और निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा ने भाजपा का दामन थामा था।

2017 में यशपाल ने ज्वॉइन की थी भाजपा
यशपाल और संजीव आर्य ने 2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था। भाजपा ने तब दोनों को प्रत्याशी भी बनाया था। दोनों ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद भाजपा सरकार ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया।

यशपाल आर्य छह बार विधायक रह चुके हैं। यशपाल पूर्व में उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। यशपाल आर्य पहली बार 1989 में खटीमा सितारगंज सीट से विधायक बने थे। वह पहले भी काफी समय तक कांग्रेस पार्टी में भी रहे हैं।

घुटन महसूस कर रहे थे यशपाल और संजीव आर्य
इस दौरान प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि यशपाल आर्य लोगों की भावनाओं के साथ हमेशा सच की लड़ाई लड़ते रहे हैं। वहीं संजीव जुझारू और युवा नेता हैं। मैं इनका दिल की गहराई से पार्टी में स्वागत करता हूं। कहा कि यशपाल और संजीव आर्य का दिल हमेशा से कांग्रेस में था। आज इनके आने से हम उत्तराखंड में होने वाले आगामी विस चुनाव में जीतने की बात मजबूती से कह सकते हैं। कहा कि इन्होंने दिलों को जीतने का काम किया है। भाजपा सरकार की नीतियों को लेकर यशपाल और संजीव आर्य घुटन महसूस कर रहे थे।

कांग्रेस की विचारधारा से ओतप्रोत रहे यशपाल
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि यशपाल आर्य मूल रूप से उत्तराखंड में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए जाने जाते हैं। यशपाल हमसे बिछड़े जरूरी, लेकिन कांग्रेस की विचारधारा से ओतप्रोत रहे। संजीव आर्य पहली बार विधायक बने, उनका भविष्य उज्जवल है। मैं दोनों का अभिनंदन और स्वागत करता हूं। इनके आने से कांग्रेस उत्तराखंड में बहुत मजबूत स्थित में खड़ी हैं। मैं कह सकता हूं कि 2022 को चुनावों में कांग्रेस आ रही है और भाजपा जा रही है।

उत्तराखंड कांग्रेस के लिए यह क्षण बहुत महत्वपूर्ण
प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस के लिए यह क्षण बहुत महत्वपूर्ण है। मैं यशपाल, संजीव आर्य व हरेंद्र सिंह राणी का कांग्रेस पाटी में हार्दिक स्वागत करता हूं। इनके आने की खबर से ही पूरे उत्तराखंड के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल में और कांग्रेस पार्टी की सत्ता में वापसी की संभावनाओं में गुणात्मक वृद्धि हुई है।

यशपाल आर्य और संजीव आर्य का कांग्रेस में तहे दिल से स्वागत: हरीश रावत
इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि भाजपा के समय भी यशपाल आर्य को महत्व दिया गया। उनके पास महत्वपूर्ण विभाग रहे। वहीं यशपाल आर्य के बेटे होने के नाते संजीव आर्य ने अपनी अलग पहचान बनाई। पहले भी लाेकतंत्र को बचाने में यशपाल आर्य ने हमारा साथ दिया है।

कहा कि सहकारिता के प्रदेश के चेयरमैन रहे और युवा नेता संजीव आर्य ने अपनी अलग शख्सियत बनाई है। यशपाल आर्य और संजीव आर्य का कांग्रेस में तहे दिल से स्वागत है।

देहरादून स्थित कांग्रेस भवन में आतिशबाजी
कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और विधायक संजीव आर्य के कांग्रेस में शामिल होने पर देहरादून स्थित कांग्रेस भवन में आतिशबाजी की व एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर कांग्रेसियों ने जश्न मनाया।

यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी से भाजपा की उल्टी गिनती शुरू: धीरेंद्र प्रताप
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि उत्तराखंड सरकार में वरिष्ठ मंत्री व कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य की कांग्रेस में घर वापसी से भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।

धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि यशपाल आर्य कोई साधारण नेता नहीं हैं। उनकी कांग्रेस वापसी से राज्य भर में कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से दल-बदल का खेल शुरू किया था, कांग्रेस को उसका जवाब देना जरूरी हो गया था। कांग्रेस बहुत दल-बदल के पक्ष में नहीं है, लेकिन पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता जो पार्टी को छोड़कर गए हैं, वह पार्टी में आते हैं तो निश्चय ही उनका खुले दिल से पार्टी स्वागत करेगी। दलितो के प्रति संविधान के साथ जो खिलवाड़ किया जा रहा है उसकी आवाज को आज इस मंच से मजबूती मिलेगी। किसानों को भी मजबूत आवाज मिलेगी।
परंपरा बन गई दल बदल की सियासत
उत्तराखंड में चुनाव से पहले दल बदल की सियासत एक परंपरा बन गई है। भाजपा ने पिछले दो माह में तीन विधायकों को पार्टी में शामिल करा लिया है। इसकी शुरुआत धनौल्टी से निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार से हुई। जिन्होंने साढ़े चार साल बाद अचानक भाजपा का दामन थाम लिया।

इसके बाद पुरोला से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते राजकुमार ने भी भाजपा को अपना लिया। विधायकी को लेकर उठे बवाल के बीच उन्होंने अपनी विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद चार दिन पहले भीमताल सीट से निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा को भी भाजपा ने पार्टी में शामिल करवा लिया।

कांग्रेस में प्रदेश महासचिव रहे कैड़ा ने वर्ष 2012 में पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा छोड़कर पार्टी में शामिल हुए दान सिंह भंडारी को टिकट थमा दिया था। तब कैड़ा ने बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। अब जब वह नया ठौर तलाश रहे थे, तब भाजपा ने उन्हें पार्टी में शामिल कराकर बाजी मार ली। जबकि कैड़ा कभी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी माने जाते थे।

पार्टी के दिग्गज नेता खुले मंच से कई बार इस बात को कह चुके हैं कि भाजपा सहित तमाम दूसरी पार्टियों के असंतुष्ट नेता उसके संपर्क में हैं। यहां तक कि कुछ बागियों को लेकर भी दावे किए जा रहे हैं। लेकिन पार्टी ऐसे नामों का खुलासा करने से बच भी रही है।
पुराने कांग्रेसियों के दम पर चल रही भाजपा सरकार : गोदियाल
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की सरकार पुराने कांग्रेसियों के दम पर ही चल रही है। धामी कैबिनेट में कांग्रेस से आयात किए गए नेता बहुतायत में हैं। अगर मुख्यमंत्री का यह कहना कि कांग्रेस में लीडरशीप की कमी है, तो उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि वह चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस की ओर ही नजर क्यों बनाए रखते हैं। यह कहना है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का।

रविवार को कांग्रेस मुख्यालय भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि भाजपा सरकार की कैबिनेट में तमाम पुराने कांग्रेसी हैं, जो इस बात का प्रमाण हैं कि लीडरशीप की कमी कांग्रेस में नहीं भाजपा में है। कांग्रेस के नेताओं को आयात करके उन्होंने सरकार बनाई और आज भी उनकी कैबिनेट कांग्रेस से आयात किए गए नेताओं के दम पर चल रही है। गोदियाल ने कहा कि एक तरफ भाजपा यूथ की बात करती है, जबकि उसके लिए कोई रोजगार नहीं है।

दूसरी तरफ भाजपा किसानों की बात करती है तो उधर उनकी हत्याएं हो रही हैं। तीसरी तरफ अच्छे दिनों की बात करती है, तो प्रदेश का आम आदमी तमाम तरह की समस्याओं से त्रस्त है। महंगाई सातवें आसमान पर है, पेट्रोल-डीजल के दाम सौ रुपये के पार हो गए। राशन, दालों और खाद्य तेलों के दाम आम आदमी की जेब से बाहर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है।

मुख्यमंत्री बनने के बाद धामी से उम्मीद थी कि वह बातें कम और काम ज्यादा करेंगे, लेकिन ठीक उसके उलट वह केवल बातें कर रहे हैं, काम कुछ नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी अब भाजपा के जुमलों में फंसने वाला नहीं है। इस बार विस चुनाव में स्पष्ट हो जाएगा कि भाजपा कितने पानी में है।