प्रयागराज। जुमे की नमाज के बाद प्रयागराज के अटाला में हुए बवाल के बाद से योगी सरकार एक्शन में है। रविवार को हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद की जेके आशियाना करेली स्थित इमारत ढहा दिया गया। अब अन्य लोगों की बार ही। प्रयागराज में गरजे बुलडोजर के बाद आम जनता भी खौफ में आ गई है। रविवार को हुए एक्शन के बाद सोमवार को शौकत अली रोड पर कई दुकानदारों बुलडोजर के डर से अपनी दुकानें खाली कर थी।
बीते 10 जनवरी को प्रयागराज के जिस इलाके में हिंसा हुई थी वहीं के मजीदी इंटर कॉलेज की जमीन पर बनी दुकानों को बुलडोजर के एक्शन के डर से सोमवार को खाली किया। जिस दुकानों से लोग अपनी परिवार का पेट पाल रहे थे, आज उसे खाली कर दिया। वहीं, हिंसा मामले में अब तक 92 गिरफ्तारी हो चुकी है। रविवार को 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसमे से तीन नाबालिग हैं।
प्रयागराज प्रशासन की कार्रवाई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने अवैध बताया है। उन्होंने कहा कि यह कानून के शासन पर एक सवाल है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने रविवार को द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ये पूरी तरह से गैरकानूनी है। भले ही आप एक पल के लिए भी मान लें कि निर्माण अवैध था, लेकिन करोड़ों भारतीय भी ऐसे ही रहते हैं, यह अनुमति नहीं है कि आप रविवार को एक घर को ध्वस्त कर दें जब उस घर का निवासी हिरासत में हों। यह कोई तकनीकी मुद्दा नहीं है बल्कि कानून के शासन का सवाल है।