अभी अभीः G-20 में भारत ने रच दिया इतिहास, हो गई ऐसी डील, कांप उठा चीन और पाकिस्तान

Just now: India created history in G-20, such a deal was done, China and Pakistan trembled
Just now: India created history in G-20, such a deal was done, China and Pakistan trembled
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नई दिल्ली: आज से दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 की शुरुआत हो गई है। इस सम्मेलन में पहले दिन बड़ा फैसला लिया गया है। भारत, सऊदी अरब, यूरोप, यूएई और अमेरिका ने मिलकर ये फैसला लिया है। इन देशों ने एक बड़ी इंफ्रा डील पर सहमति जताते हुए मुहर लगाई है। ये कॉरिडोर यूरोप तक होगा। इन देशों के बीच एक रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। कुल 8 देश मिलकर इस रेल कॉरिडोर को बनाएंगे। शिखर सम्मेलन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। जी-20 समिट के पहले ही दिन भारत को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस कॉरिडोर का ऐलान किया है।

पीएम मोदी ने कही ये बात

इस समझौते की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मित्र बाइडेन के साथ इस इवेंट को को-चेयर करते हुए हार्दिक खुशी हो रही है। आज हम सब ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक समझौता संपन्न होते हुए देखा है। आने वाले समय में ये भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच इकोनॉमिक इंटिग्रेशन का प्रभावी माध्यम होगा। ये पूरे विश्व में कनेक्टिविटी और विकास को सस्टेनेबल दिशा प्रदान करेगा।

भारत की नीव होगी मजबूत

पीएम मोदी ने इस फैसले पर बोलते हुए कहा कि आज ऐतिहासिक समझौता किया गया। हम विकसित भारत की मजबूत नींव रख रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मजबूत कनेक्टिविटी, इंफ्रा ही विकास का आधार रखते हुए इस रेल कॉरीडोर का फैसला किया गया है। कहा कि “इस कॉरिडोर से देशों में कनेक्टिविटी से आपसी विश्वास बढ़ेगा। कनेक्टिविटी आपसी भरोसा बढ़ाती है। भारत में आधारभूत संरचनाओं पर निवेश हो रहा है। ग्लोबल साउथ देशों में इंफ्रा गैप पर काम किया जा रहा है।”

बुनियादी ढांचे की कमी दूर होगी

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप शिपिंग और रेलवे कनेक्टिविटी कॉरिडोर की घोषणा को एक बड़ी बात करार दिया। जो बाइडेन ने कहा कि अगले दशक में, भागीदार देश निम्न-मध्यम आय वाले देशों में बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करेंगे। यह वास्तव में एक बड़ी बात है। एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य यही इस जी20 शिखर सम्मेलन का फोकस है और कई मायनों में, यह इस साझेदारी का भी फोकस है कि हम-आप आज के बारे में बात कर रहे हैं।