अभी-अभीः करारी हार के बाद तिलमिलाए जयंत चौधरी, किया बडा ऐलान, 21 तारीख को…

इस खबर को शेयर करें


उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विधानसभा चुनाव (UP Election Result) में हार के चलते राष्ट्रीय लोक दल पार्टी (RLD) के प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने सोमवार को तत्काल प्रभाव से सभी इकाइयों और मोर्चे पर पार्टी को भंग कर दिया. इसके साथ ही पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने यह घोषणा की है. इस दौरान ट्वीट में लिखा है, ‘राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह जी के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक दल उत्तर प्रदेश के प्रदेश, क्षेत्रीय एवं जिला एवं सभी फ्रंटल संगठनों को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाता है.

दरअसल, यह फैसला उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के बाद आया है, जिसमें रालोद केवल 2.85% वोट शेयर हासिल करने में कामयाब रहा, और 403 में से 8 सीटें हासिल की. ​​हालांकि, अगर यूपी में साल 2017 के विधानसभा चुनावों की तुलना में, इस बार सीट शेयर में 7 प्रतिशत रालोद ने अपनी बढ़ोत्तरी की थी . वहीं, बीते गुरुवार को जयंत चौधरी ने कहा था कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हारने के बाद वह जनता की राय का सम्मान करते हैं.

जयंत चौधरी ने भंग की रालोद की सभी इकाइयां

रालोद ने बुलाई विधायकों की बैठक
बता दें कि इसी के साथ RLD ने अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है. वहीं, ये बैठक 21 मार्च को दोपहर 12 बजे होगी. हालांकि, इस बैठक में सभी नवनिर्वाचित विधायकों को लखनऊ बुलाया गया है. जहां राष्ट्रीय लोकदल प्रदेश कार्यालय पर यह बैठक होगी. इस बैठक में जयंत चौधरी अध्यक्षता करेंगे. ऐसे में समाजवादी पार्टी ने भी 21 मार्च को सभी विधायकों को लखनऊ बुलाया है.

RLD ने 33 सीटों में से 8 पर जीत की हासिल
वहीं, चुनाव आयोग (Election Commission) के मुताबिक, रालोद ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 33 सीटों पर उम्मीदवार अपने उतारे थे और उनमें से आठ पर जीत हासिल की थी. हालांकि इसमें भी 4 प्रत्याशी समाजवादी पार्टी के है जो रालोद के सिंबल पर लडे थे। इस बार करीब तीन प्रतिशत वोट मिला है, जबकि, साल 2017 में 1.78 प्रतिशत मत से संतोष करना पड़ा था. वहीं, साल 2017 में चुनाव सपा और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ने वाली रालोद को केवल एक सीट मिली थी. ऐसे में जीता हुआ विधायक बाद में बीजेपी में चला गया था, जिससे पार्टी शून्य पर चली गई थी. उस दौरान उसे मात्र 1.78 प्रतिशत वोट मिले थे.