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आरबीर्आ गवर्नर ने आम लोगों को न्यू ईयर का बड़ा तोहफा दे दिया है. आने वाले दिनों के लिए होम और कार लोन ईएमआई में इजाफा नहीं होगा. देश के सेंट्रल बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन दिनों तक चली मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में लिए फैसलों का ऐलान कर दिया. आरबीआई गवर्नर ने लगातार 5वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया. इसका मतलब है कि आरबीआई ने आम लोगों को होम और कार लोन ईएमआई पर राहत मिलेगी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने सर्वसम्मति से पॉलिसी रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला लिया है. वहीं स्थायी जमा सुविधा दर 6.25 फीसदी और सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर 6.75 फीसदी पर बनी रहेगी.
इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा. जिसमें लगातार तेजी देखने को मिल रही है. मौजूदा समय में रेपो रेट 6.50 फीसदी पर है. आखिरी बार आरबीआई एमपीसी ने फरवरी 2023 में ब्याज दरों में बदलाव किया था. उसके बाद इस स्टेट को लगातार बरकरार रखा है. खास बात तो ये है कि ये मीटिंग कैलेंडर ईयर की आखिरी मीटिंग थी.
आरबीआई ने मई 2022 से ब्याज दरों में इजाफे का ऐलान किया था. तब अचानक से 0.40 फीसदी का इजाफा किया गया. उसके बाद से फरवरी 2023 तक लगातार इजाफा देखने को मिला. जिसकी वजह से इस दौरान रेपो रेट 2.50 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिला और रेपो रेट 6.50 फीसदी पर आ गया. जानकारों की मानें तो अभी आम लोगों को ब्याज दरों में कटौती के लिए लंबे समय तक का इंतजार करना पड़ सकता है. हाल ही में एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट में भी जिक्र किया गया है कि आरबीआई अगले साल जून तक ब्याज दरों में कोई बदलाव करने नहीं जा रही है. उसके बाद ही लोन ईएमआई में राहत मिलने के आसार हैं.
7 फीसदी रहेगी देश की जीडीपी
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इकोनॉमिक मोर्चे पर बात करते हुए चालू वित्त वर्ष के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बढ़ा दिया है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि चालू वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7 फीसदी रह सकती है. वहीं तीसरी तिमाही में 6.5 फीसदी और चौथी तिमाही में यह ग्रोथ 6 फीसदी रहने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.7 फीसदी अनुमानित है। दूसरी तिमाही के लिए यह ग्रोथ 6.5 फीसदी और तीसरी तिमाही के लिए 6.4 फीसदी रह सकती है.
वैसे भारत मौजूदा समय में दुनिया में सबसे तेज इकोनॉमिक ग्रोथ करने वाला देश है. दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 7 फीसदी से ज्यादा रही थी. जिसका अनुमान किसी ने भी नहीं लगाया गया था. जिसके बाद सभी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस ने अपने अनुमान में संशोधन किया है. सभी मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी के अनुमान को बढ़ाकर 7 फीसदी पर लेकर आ गए हैं. जो पहले 6.5 फीसदी या उससे कम था. आरबीआई ने पिछली मीटिंग में जीडीपी का अनुमान 6.5 फीसदी ही लगाया था.
महंगाई पर क्या बोले आरबीआई गवर्नर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई के अनुमानिक आंकड़ों को भी जारी किया. उन्होंने बताया कि चालू वर्ष 2023-24 के लिए सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) महंगाई 5.4 फीसदी रह सकती है. अगर बात तीसरी तिमाही की करें तो यह अनुमान 5.6 फीसदी रह सकता है. जबकि चौथी तिमाही में यह महंगाई अनुमान 5.2 फीसदी रह सकती है. अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है. जबकि दूसरी तिमाही में यह 4 फीसदी और तीसरी तिमाही में 4.7 फीसदी रह सकती है.
वैसे नवंबर महीने की महंगाई के अनुमानित आंकड़ें काफी डराने वाले हैं. कई जानकारों ने नवंबर महीने की सीपीआई महंगाई का अनुमान 6 फीसदी से ज्यादा का लगाया है. जिसका प्रमुख कारण प्याज और टमाटर की कीमतों को बताया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर इस दौरान दालों की कीमतों में भी तेजी देखने को मिली है. जिसका असर ओवरऑल महंगाई पर देखने को मिल सकता है.