राजस्थान के लाखों लोगों को हर रोज फायदा, आप भी उठाएं ऐसे लाभ

Lakhs of people of Rajasthan benefit everyday, you should also take such benefits
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Jaipur: आरटीआई के तहत जनता को सूचना ही नहीं मांगनी पड़े, इसके लिए सिविल सोसायटी और आईटी विभाग की दो साल की मेहनत के बाद दो साल पहले शुरू हुआ ‘जनसूचना’ डिजिटल पोर्टल का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. पोर्टल पर पब्लिक डिलीवरी वाले सभी विभागों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होने के चलते प्रतिदिन 1 लाख 33 हजार से अधिक लोग विजिट कर रहे हैं.

आमजन को किसी भी जानकारी के लिए आरटीआई का सहारा नहीं लेना पड़े और एक क्लिक पर जानकारी उपलब्ध हो जाए, इसी कड़ी में दो साल पहले शुरू हुए ‘जन सूचना डिजिटल पोर्टल’ पर हर मिनट में 75 से ज्यादा सूचनाएं एक्सेस हो रही हैं. राजस्थान के जनसूचना पोर्टल की तर्ज पर महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी सूचना पोर्टल पर काम हो रहा है.

इन राज्यों के अधिकारियों ने इसके लिए राजस्थान के अधिकारियों से संपर्क किया है. एडिशनल डायरेक्टर डीओआईटी आरके शर्मा ने बताया की 13 सितंबर, 2019 को पोर्टल प्रदेश की जनता को समर्पित किया गया. विजिटर्स के आंकड़े इस पोर्टल की सफलता की पुष्टि करते हैं, लगभग दो वर्ष से भी कम समय में इस पोर्टल को 9.77 करोड़ से अधिक लोगों ने विजिट किया है और इस पर 8.04 करोड़ से अधिक सूचनाएं एक्सेस की जा चुकी हैं.

यदि इस आंकड़े की प्रतिदिन के हिसाब से गणना की जाए तो इस पोर्टल को औसतन 1.33 लाख से अधिक लोगों ने विजिट किया है और हर दिन 1.11 लाख से अधिक सूचनाएं इस पोर्टल पर एक्सेस की जा रही हैं. यदि इसकी गणना प्रति मिनट के हिसाब से की जाए तो औसतन हर मिनट इस पोर्टल को लगभग 100 से ज्यादा लोग विजिट करते हैं और लगभग 75 सूचनाएं हर मिनट इस पोर्टल पर एक्सेस की जा रही है. इस पोर्टल पर अभी तक 85 विभागों की 228 योजनाएं सम्मिलित की जा चुकी हैं और आमजन इस पर 522 तरह की जानकारियां हासिल कर रहे हैं.

राजस्थान देश में पहला ऐसा राज्य है, जिसने ‘आपकी सूचना, आपका हक’ की परिभाषा को अपनाते हुए ‘जन सूचना पोर्टल’ के माध्यम से सभी तरह की सूचनाएं आमजन तक पहुंचा दी है. जन सूचना पोर्टल के माध्यम से आमजन को सूचनाएं आसानी से उपलब्ध हो रही हैं, जो सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4 (2) की मूल भावना से प्रेरित हैं. इस पोर्टल के माध्यम से विभिन्न विभागों से जुड़ी सूचनाएं सरल भाषा में एक ही प्लेटफॉर्म पर मिल रही है.

इससे जहां आम आदमी को राहत मिल रही है, वहीं सरकारी कामकाज में गति आ रही है और लालफीताशाही, भ्रष्टाचार से निजात मिल रही है. सरकारी विभागों से आरटीआई के तहत मांगी जाने वाली जानकारियों की अर्जियों में कमी आ रही हैं और आम आदमी को संबंधित जानकारी घर बैठे सुलभ हो पा रही है.

देश में जवाबदेह प्रशासन के लिए मुख्यमंत्री गहलोत के पिछले कार्यकाल में राज्य सरकार ने राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2011, सुनवाई का अधिकार 2012 अधिनियम और राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम 2012 जैसे कानून भी लागू किए थे और अब राज्य में सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम की पालना में स्थापित ‘जन सूचना पोर्टल’ इसी संकल्प को साकार कर रहा है.

बहरहाल, पोर्टल पर सूचनाओं के इंटीग्रेशन का काम लगातार जारी है. आमजन की सुविधा के लिए दो नए मोड्यूल भी पोर्टल में जोड़े जा रहे हैं, इससे यह पता लग सकेगा कि योजना के संभावित लाभार्थियों की कुल संख्या में से कितनों को लाभ दिया जा चुका है. इसके साथ ही व्यक्ति स्वयं से संबंधित सामान्य जानकारियां पोर्टल पर अपलोड़ कर यह जान सकेगा कि वह राज्य सरकार की किन योजनाओं के लिए पात्र है तथा पोर्टल पर ही उनके लिए आवेदन भी कर सकेगा.