किसानों का कम, विपक्षी दलों का ज्यादा दिखा भारत बंद, यहां जाने कितना रहा असर

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नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार भारत बंद का असर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुछ जगहों पर दिखाई दिया। वहीं बिहार, यूपी, राजस्थान और दक्षिण के कई राज्यों में भी बंद का कुछ असर दिखा लेकिन यहां राजनीतिक दलों की भागीदारी अधिक रही। दिल्ली और दूसरे जगहों पर किसानों ने राजनीतिक दलों से दूरी भी बनाई इसका एक उदाहरण दिल्ली में दिखाई भी दिया। जब दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को किसानों ने धरना स्थल से जाने को कहा।

दिल्ली- एनसीआर में लगा जाम, सड़कों पर बैठे किसान
सोमवार सुबह दिल्ली- एनसीआर में कई जगहों बंद की वजह सड़कों पर लंबा जाम दिखाई दिया। भारत बंद के मद्देनजर गाजियाबाद पुलिस ने गाजियाबाद और निजामुद्दीन को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे को बंद कर दिया था। वहीं नोएडा प्राधिकरण के पास किसान अपनी मांगों को लेकर भारी संख्या में इकट्ठा हुए और पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ा। वहीं हरियाणा के पलवल में किसानों ने दिल्ली-मथुरा नैशनल हाइवे जाम किया। बंद की वजह से दिल्ली-गुरुग्राम हाइवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम देखने को मिला। सुबह के वक्त दिल्ली-गुरुग्राम हाइवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया जिसका असर शाम तक दिखाई पड़ा।

किसानों के प्रदर्शन और बंद को देखते हुए दिल्ली पुलिस खासा सतर्क दिखी। खासकर लाल किला वाले रास्ते पर। लाल किला जाने वाला रास्ता दोनों तरफ से बंद कर दिया गया था। किसी भी वाहन को इस रूट पर जाने की अनुमति नहीं थी। इस रूट पर चलने वाली बसों को डायवर्ट कर दिया गया था। पिछली बार लाल किला पर आंदोलन के वक्त जो हंगामा हुआ था उसके देखते हुए पुलिस कुछ ज्यादा सतर्क दिखी। वहीं बंद की वजह से कुछ मेट्रो स्टेशनों को भी बंद करना पड़ा। डीएनडी पर यातायात प्रभावित रहा। गाजीपुर बॉर्डर को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। अक्षरधाम मंदिर के पास गाजीपुर बॉर्डर से सराय काले खां की ओर आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के एक तरफ अफरा-तफरी का माहौल रहा।

यूपी- बिहार में बंद के समर्थन में आए विपक्षी दलों के नेता
भारत बंद का समर्थन कई विपक्षी दलों ने भी किया। यूपी के कुछ जिलों में प्रदर्शन हुआ वहीं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा- संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद को सपा का पूर्ण समर्थन है। वहीं अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि किसान आंदोलन भाजपा के अंदर टूट का कारण बनने लगा है। वहीं बिहार में पटना समेत कुछ जिलों में आरजेडी के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते नजर आए। बिहार में महागठबंधन की पार्टियां राजद, कांग्रेस और वामदलों ने भी इस बंद को समर्थन दिया था।।तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस आंदोलन में हम लोग किसानों के साथ हैं। महागठबंधन की सभी पार्टियां उनके साथ हैं। पटना में आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने भारत बंद के समर्थन में प्रदर्शन किया। इस दौरान RJD के कार्यकर्ताओं ने गांधी सेतु पर जाम लगाया और आगजनी भी की।

दक्षिण के राज्यों में बंद का असर कितना
बेंगलुरु के टाउन हाल में कई संगठनों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और भारत बंद का समर्थन किया। भारत बंद का असर केरल में भी देखने को मिला। एलडीएफ और यूडीएफ से जुड़े व्यापार संगठनों ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाए गए भारत बंद का समर्थन किया था। इस वजह से तिरुवनंतपुरम में दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर रोजाना के मुकाबले कम भीड़ रही। हालांकि दोपहर बाद स्थिति सामान्य होने लगी थी।

राजस्थान के कृषि बहुल गंगानगर और हनुमानगढ़ सहित कुछ जिलों में बंद का असर दिखा। यहां प्रमुख मंडिया तथा बाजार बंद रहे। किसानों ने प्रमुख मार्गों पर चक्काजाम किया और सभाएं की। पंजाब के भी कई जिलों में बंद का असर देखने को मिला। यहां देवीदासपुर में अमृतसर-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन किया। इसका असर रेल यातायात पर भी पड़ा।

जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से किसानों ने धरना स्थल से उठने को कहा
दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी सोमवार गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने इसे गैर राजनीतिक प्रदर्शन बताते हुए उन्हें धरना स्थल से उठने को कहा। वहीं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा- ‘ये दुख की बात है कि उनके (शहीद भगत सिंह) जन्मदिवस पर किसानों को भारत बंद का आह्वान करना पड़ रहा है। अगर आजाद भारत में भी किसानों की नहीं सुनी जाएगी तो फिर कहां सुनी जाएगी। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि जल्द से जल्द उनकी मांगे मानें। वहीं दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर एक किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत की खबर भी सामने आई। पुलिस के मुताबिक, किसान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।