हनीमून से लौटी दुल्हन तो सीधे पहुंची डॉक्टर के पास, टेस्ट में पता चला कुछ ऐसा उड गये दूल्हे के होश

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शादी के बाद हनीमून पर गया एक कपल जब घर लौटा तो उसने भी नहीं सोचा था क‍ि उनके साथ जो हो रहा है वह एक डरवाने सपने से कम नहीं है. दुल्‍हन को हनीमून से लौट कर लगा क‍ि वह ड‍िप्रेशन की श‍िकार हो गई है और इसको लेकर वह डॉक्‍टर के पास गई लेक‍िन जब टेस्‍ट के बाद डॉक्‍टर ने उसे जो बताया उसे सुनकर दूल्‍हे और दुल्‍हन के होश उड़ गए.

मिरर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूनाइटेड किंगडम में एक महिला को डॉक्टरों ने बताया कि उन्‍हें ब्रेन ट्यूमर है जबक‍ि वह खुद को माइग्रेन और ड‍िप्रेशन की पीड़‍िता समझ रही थी. बताया जा रहा है क‍ि 36 वर्षीय हेलेन हैनमैन अपने हनीमून से लौटी थीं और उन्‍हें टनल व‍िजन का अनुभव होने लगा. इसके बाद वह एक डॉक्टर के पास गई, जिसने उन्‍हें बताया क‍ि वह ड‍िप्रेशन की श‍िकार हो गई हैं. इसके बाद दूल्‍हा मार्क और दुल्‍हन अपने नए घर में चले गए. नई नवेली दुल्‍हन ने बताया क‍ि वह बीमार रहने लगी. मेरे सहकर्मियों ने मान लिया था कि मैं गर्भवती हो गई हूं लेक‍िन मैंने टेस्‍ट क‍िया था और मुझे पता चला क‍ि प्रेगनेंट नहीं हूं.

नॉर्थेंट्सलाइव के मुताब‍िक, मह‍िला ने बताया क‍ि नई डॉक्‍टर के पास रज‍िस्‍ट्रेशन के ल‍िए उसे काफी परेशान‍ियों का सामना करना पड़ा. इसके बाद नए डॉक्‍टर ने उस पीड़‍ित मह‍िला की सर्जरी की और उसके बाद जीपी डायग्नोज ने मुझे ड‍िप्रेशन का पीड़‍ित पाया और मुझे पता था कि मैं उस बीमारी से पीड़‍ित नहीं हूं. डॉक्‍टर ने मुझे एंटी-डिप्रेशन की दवाइयां भी दीं, जो मैंने कभी नहीं लीं. इसके एक हफ्ते बाद पीड़‍िता हैनमैन को अपने सीने में सनसनी महसूस हुई और वह जल्दी सो गई. फिर उसे पहला दौरा पड़ा और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे दो और दौरे पड़े. पीड़‍िता ने बताया क‍ि अचानक मेरी आँखें मेरे सिर के पीछे की ओर गईं और मुझे पहला दौरा पड़ा. मेरे पत‍ि मार्क ने 999 डायल किया और आठ मिनट बाद एक एम्बुलेंस आई. मुझे अस्पताल में दो और दौरे पड़े और अंततः मुझे बताया गया कि मेरे मस्तिष्क में एक गांठ है.

डॉक्टरों ने ब्रेन की जांच के बाद हैनमैन को बताया कि यदि दौरे नहीं पड़ते, तो चार से छह सप्ताह के भीतर उसकी मृत्यु हो सकती थी. यह कहना मूर्खतापूर्ण लगता है, लेकिन सभी गलत इलाजों के बाद आखिरकार मुझे यह जानकर राहत महसूस हुई कि मेरे साथ क्या गलत हुआ था. हैनमैन ने कहा क‍ि डॉक्टर ने मुझे बताया क‍ि मेरा ट्यूमर इतना बड़ा था कि अगर मेरे दौरे हमें इसके प्रति सचेत नहीं करते, तो मैं चार से छह सप्ताह के भीतर मर जाती.

जनवरी 2016 में महिला की 11 घंटे की क्रैनियोटॉमी सर्जरी हुई और डॉक्टरों ने पाया कि उसे ग्रेड 3 एस्ट्रोसाइटोमा है. इसके बाद हैनमैन कीमोथेरेपी के पांच सत्र और रेडियोथेरेपी के 33 सत्र से गुजर चुकी है. 2022 में हैनमैन के मस्तिष्क में रक्त का र‍िसाव हुआ, जिससे उसकी मूवमेंट और बात करने या लिखने की क्षमता काफी सीमित हो गई. पीड़‍िता ने बताया क‍ि यह काफी गंभीर था. मैं किसी को भी पहचान नहीं पा रहा थी और ठीक से बात भी नहीं कर पा रही थी. उन्‍होंने बताया क‍ि मेरी सेहत इतनी तेजी से नीचे जा रही थी कि मेरे माता-पिता को लगा कि मैं उनकी आंखों के सामने मर रहा हूं. उन्होंने आगे कहा कि सभी को उम्मीद थी कि ब्रेन ट्यूमर के इलाज से उन्हें जीने के लिए ‘पर्याप्त’ साल मिलेंगे.