महंत बालकनाथ ने बढ़ाईं वसुंधरा राजे और गजेंद्र सिंह शेखावत की मुश्किलें-यहां जाने विस्तार से

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जयपुर. राजस्थान बीजेपी में अलवर सांसद और तिजारा से बीजेपी प्रत्याशी महंत बालकनाथ सीएम के प्रबल दावेदार के तौर पर उभरे है। सियासी जानकार उनके अचानक हुए उभार से हैरान में है। वहीं सीएम पद की प्रबल दावेदार वसुंधरा राजे, दीया कुमारी और गजेंद्र सिंह शेखावत की मुश्किलें बढ़ गई है। एग्जिट पोल के सर्वे में महंत बालकनाथ सबसे आगे है। वहीं, कांग्रेस नेता सचिन पायलट से भी आगे निकल गए है।

महंत बालकनाथ खास क्यों है इसता अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ खुद तिजारा आए थे। इसके बाद भी चुनावी सभाओं को संबोधित किया था। सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी को बहुमत मिलता है तो बालकनाथ सीएम के प्रबल दावेदार है। हालांकि, बहरोड़ में आयोजित जनसभा में खुद महंत बालकनाथ वसुंधरा राजे के सीएम बनने की बात कह चुके हैं। लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। चुनाव परिणाम से पहले वसुंधरा राजे आरएसएस कार्यालय पहुंच चुकीं है। जानकारों का कहना है कि बालकनाथ को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से कनेक्शन का फायदा मिल सकता है।

वसुंधरा राजे की अनदेखी मुश्किल

राजस्थान में अधिकांश एग्जिट पोल कांग्रेस के पक्ष में नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी को बहुमत मिल सकता है। बीजेपी के सामने बड़ी समस्या मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर है। इस बार के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे को सीएम फेस के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं किया है। विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा गया है। सीएम फेस पर बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा। राजस्थान में वसुंधरा राजे बीजेपी में बड़ा चेहरा है। लेकिन इस बार उनके नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ा गया है। सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे को दरकिनार करना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा। तमाम विरोध के बावजूद भी वसुंधरा राजे 61 समर्थकों को टिकट दिलाने में सफल रही है। अधिकांश जीतने की स्थिति में है। ऐसे में पार्टी के लिए वसुंधरा राजे की अनदेखी करना मुश्लिक हो सकता है।

शेखावत और सांसद दीया कुमारी प्रबल दावेदार

राजस्थान में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सांसद दीया कुमारी सीएम फेस की प्रबल दावेदार मानी जाती है। हालांकि, शेखावत खुद को सीएम फेस की रेस में शामिल होने से इंकार करते रहे हैं। लेकिन उनका यह भी कहना है कि पार्टी का निर्णय सर्वोपरि होगा। सियासी जानाकारों का कहना है कि शेखावत की पीएम मोदी और अमित शाह से नजदीकी है। इसका फायदा मिल सकता है। सीएम पद की दूसरी बड़ी दावेदार जयपुर राजघराने की दीया कुमारी है। दीया कुमारी फिलहाल राजसंमद से सांसद है। पार्टी ने इस बार उन्हें जयपुर की विद्याधर नगर सीट से प्रत्याशी बनाया है। माना यही जा रहा है कि सीएम रेस में होने की वजह से उन्हें विधानसभा का चुनाव लड़ाया जा रहा है। सियासी जानकारों का कहना है कि 3 दिसंबर के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। फिलहाल अलवर सांसद महंत बालकनाथ सब पर भारी पड़ रहे हैं।