Marburg Virus: मारबर्ग वायरस ने फिर डराई दुनिया, इस देश में पहले 2 मामलों की पुष्टि, इलाज के दौरान दोनों की मौत

Marburg virus again scared the world, first 2 cases confirmed in this country, both died during treatment
Marburg virus again scared the world, first 2 cases confirmed in this country, both died during treatment
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अक्रा: दुनिया अभी कोरोना, मंकीपॉक्स और इबोला के खतरों से ठीक से उबरी भी नहीं कि नए वायरस (Marburg Virus News) ने दस्तक दे दी है। अफ्रीकी देश घाना में इस वायरस (Marburg Virus Ghana) के पहले 2 मामलों की पुष्टि हुई है। घाना ने कहा है कि उनके देश में घातक मारबर्ग वायरस (Marburg Virus Symptoms) के दो मरीज मिले हैं। मारबर्ग वायरस अत्याधिक संक्रामक बीमारी है। यह वायरस ही इबोला का कारण बनता है। इसमें कहा गया है कि दोनों मरीजों की हाल ही में दक्षिणी अशांति क्षेत्र के अस्पताल में मौत हो गई। इस बीच भारत में भी मंकीपॉक्स के दूसरे केस की पुष्टि हो गई है। दोनों ही मामले केरल में मिले हैं।

दो संक्रमितों की मौत, 98 क्वारंटीन
घाना के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि दोनों मरीजों के नमूने इस महीने की शुरुआत में सकारात्मक आए थे। अब उन नमूनों को दोबारा सेनेगल में बने एक लेबोरेटरी में जांचा गया है, जहां उनमें मारबर्ग वायरस मिलने की पुष्टि हुई है। घाना के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि 98 लोगों को संक्रमितों के संपर्क में आने के कारण क्वारंटीन किया गया है। हालांकि, उनमें से किसी में अभी संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। संक्रमण की पु्ष्टि होने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी हरकत में आ गया है।

डब्लूएचओ ने क्या कहा
डब्लूएचओ के अधिकारियों ने घाना सरकार को हर मुमकिन सहायता देने का वादा किया है। इतना ही नहीं, डब्लूएचओ ने मारबर्ग वायरस की पुष्टि होने के बाद घाना के त्वरित प्रतिक्रिया की तारीफ भी की है। डब्ल्यूएचओ के अफ्रीका डायरेक्टर डॉ मात्शिदिसो मोएती ने कहा कि घाना ने काफी अच्छा काम किया क्योंकि तत्काल और निर्णायक कार्रवाई के बिना, मारबर्ग वायरस आसानी से कंट्रोल से बाहर हो सकता है।

मारबर्ग वायरस का इलाज क्या है
मारबर्ग वायरस का अभी तक कोई इलाज मौजूद नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि खूब पानी पीने और खास लक्षण दिखाई देने पर उसका इलाज करवाने से मरीज के बचने की संभावना बढ़ जाती है। यह वायरस फलों के चमगादड़ों से लोगों में फैलता है और शरीर में बने घाव से रिस रहे पानी के जरिए दूसरे मनुष्यों को संक्रमित करता है।

मारबर्ग वायरस का लक्षण जानिए
इस वायरस के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, खून की उल्टी और खून का बहना शामिल है। अगर इन पर जल्द नियंत्रण नहीं पाया गया तो यह मरीज की जान ले सकते हैं। स्वास्थ्य अधिकारी लोगों को गुफाओं से दूर रहने और सभी मीट प्रोडक्ट्स को खाने से पहले अच्छी तरह से पकाने की चेतावनी दे रहे हैं।

दूसरी बार अफ्रीका में मिले मारबर्ग वायरस के मामले

यह दूसरी बार है जब पश्चिम अफ्रीका में मारबर्ग वायरस के मामले की पुष्टि हुई है। पिछले साल गिनी में एक मामला मिला था। लेकिन, इस मामले की पुष्टि के पांच हफ्ते बाद ही सितंबर में गिनी की सरकार ने उस प्रकोप के खत्म होने का ऐलान कर दिया था। वहीं, डब्लूएचओ का कहना है कि अफ्रीका में अंगोला, कांगो केन्या, दक्षिण अफ्रीका और युगांडा इस वायरस के छिटपुट मामलों की पुष्टि हो चुकी है।

2005 में अंगोला में 200 लोगों की ली थी जान
मारबर्ग वायरस ने 2005 में अंगोला में 200 से अधिक लोगों की जान ले ली थी। जिसके बाद डब्लूएचओ ने इसे मारबर्ग वायरस का सबसे घातक प्रकोप करार दिया था। मारबर्ग का पहला प्रकोप 1967 में जर्मनी में हुआ था जहां सात लोगों की मौत हुई थी।