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शिमला। प्रदेश के विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को बजट सत्र में सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है। इसको लेकर कैबिनेट सब कमेटी ने सभी विभागों, निगमों और बोर्डों से तीन फरवरी तक आवश्यक सूचनाएं मांगी हैं। इसके बाद नीति निर्धारण का प्रस्ताव बनाकर कैबिनेट बैठक में सब कमेटी प्रस्ताव लेकर जाएगी। शुक्रवार को इसी कड़ी में राज्य सचिवालय में सभी विभागों, निगमों, बोर्डों के अधिकारियों के साथ कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर और सुखराम चौधरी ने बैठक की।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कार्यरत 35 हजार कर्मचारियों का शोषण अब और नहीं होगा। चुनावी वर्ष के चलते सरकार इन्हें राहत देने नहीं जा रही है। सरकार के लिए हर वर्ष चुनावी होता है। इनको लेकर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जा रहा है। महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों में हजारों युवा आउटसोर्स आधार पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से इन युवाओं की सेवाएं ली जा रही हैं। प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मियों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इन्हें किसी भी प्रकार के शोषण से बचाने के लिए मंत्री परिषद की सब कमेटी का गठन किया है।
कमेटी ने इन एजेंसियों के साथ संपर्क स्थापित करते हुए उनसे विभिन्न बिंदुओं पर आउटसोर्स कर्मचारियों के बारे में जानकारी मांगी है। सरकार के पास इन कर्मचारियों के साथ विभिन्न स्तरों पर हो रहे शोषण से संबंधित कुछ शिकायतें प्राप्त हुई हैं। विधायिका व कार्यपालिका को इन शिकायतों के त्वरित व स्थायी हल के लिए समन्वित प्रयास करने होंगे। सभी विभागों से प्राप्त सुझावों की गहन विवेचना करने के बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट को इसी बजट सत्र में अंतिम स्वरूप तक पहुंचाएगी।
कर्मियों को देय भुगतान समय पर हो सुनिश्चित
महेंद्र सिंह ठाकुर ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि आउटसोर्स कर्मियों को देय सभी भुगतान समय पर सुनिश्चित करें। प्रत्येक आउटसोर्स कर्मी के पास ईपीएफ कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उनके भविष्य निधि खातों तथा उन्हें प्रदान की जा रही अन्य सुविधाओं के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएं।
जीएसटी, ईपीएफ की निगरानी को बनाया जाए तंत्र
विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे आउटसोर्स एजेंसियों द्वारा जीएसटी, ईपीएफ, ईएसआईसी के समयबद्ध भुगतान से संबंधित ब्यौरे की निगरानी के लिए एक तंत्र विकसित करें। विभागाध्यक्ष अपने विभागों के माध्यम से चयनित एजेंसियों के साथ बैठक कर इसका पुनर्मिलान भी करें। उन्होंने कहा कि सेवाएं उपलब्ध करवा रही एजेंसियों के सर्विस चार्ज में भी समरूपता लाई जानी चाहिए।