केरल में कोरोना के एक लाख से ज्यादा सक्रिय मामले, जानिए बाकी राज्यों का हाल

More than one lakh active cases of corona in Kerala, know the condition of other states
More than one lakh active cases of corona in Kerala, know the condition of other states
इस खबर को शेयर करें

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस महामारी के हालात को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि केरल अकेला ऐसा राज्य है जहां एक लाख से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। चार राज्यों में कोरोना के 10 हजार से लेकर एक लाख के बीच सक्रिय मामले हैं।

ये चार राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश हैं। बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 10 हजार से कम सक्रिय मामले हैं। भूषण ने कहा कि देश की 16 फीसदी वयस्क आबादी को कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं। 54 फीसदी वयस्क आबादी को टीके की कम से कम एक खुराक लग चुकी है।

केरल में आज 32097 नए मामले मिले
केरल में गुरुवार को कोरोना वायरस के 32,097 नए मामले सामने आए। जबकि इस दौरान 188 लोगों की मौत हुई और 21,634 लोग ठीक हुए। राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 2,40,186 है। यहां टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 18.41 फीसदी है।

कर्नाटक: एक दिन में लगीं कोरोना टीके की करीब 12 लाख खुराकें
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के सुधाकर ने गुरुवार को बताया कि बुधवार को राज्य में करीब 12 लाख टीके लगाए गए थे। हमने सीमावर्ती जिलों के प्रशासनों को निर्देश दिया है कि केरल के साथ सीमा के 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में 100 फीसदी टीकाकरण सुनिश्चित करें। सुधाकर ने कहा किकोलार स्थित एक कॉलेज में केरल के 65 से अधिक छात्र कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। हम इस संबंध में कार्रवाई कर रहे हैं।

टीबी से जंग: स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने की समीक्षा बैठक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और मुख्य सचिवों/अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ एक बैठक की। इस बैठक में टीबी (क्षयरोग) के खिलाफ लड़ाई में हुई प्रगति की समीक्षा की गई।

मंडाविया ने एक ट्वीट में कहा कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को सहयोग करने और अधिक सहायक व जवाबदेह प्रणाली बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।

मनसुख मंडाविया ने कहा कि टीबी के मरीजों की पहचान करने के लिए और उन्हें वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने के लिए ‘एक्टिव केस फाइंडिंग’ और ‘निक्षय पोषण योजना’ को लेकर दो महीने की अवधि के एक अभियान की शुरुआत की गई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि कहा कि हम टीबी मुक्त भारत की ओर काम कर रहे हैं। यह अभियान जमीनी स्तर पर चुनौतियों का समाधान ढूंढने में मदद करेगा और मरीज हितैषी सेवाओं का एक युग लेकर आएगा और देश में स्थिति बेहतर होगी।