नई दिल्ली। संसद भवन में निलंबित विपक्षी सांसदों को 50 घंटे का विरोध प्रदर्शन जारी है। बुधवार को सुबह से शुरू हुआ ये प्रदर्शन आज दोपहर तक चलेगा। प्रदर्शन की पहली रात निलंबित सांसदों को मच्छरों ने सोने नहीं दिया। इसलिए गुरुवार की रात मच्छरों से बचने के लिए सांसदों ने मच्छरदानी के भीतर रात गुजारी। एक तस्वीर में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह मच्छरदानी में सोते दिखाई दे रहे हैं।
बुधवार को कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने एक सांसद के हाथों पर बैठे एक मच्छर का वीडियो शेयर करते हुए स्वास्थ्य मंत्री से एक अपील की थी। उन्होंने लिखा था कि यहां मच्छर काफी हैं, लेकिन हम डरनेवाले नहीं हैं। स्वास्थ्य मंत्री जी कृपया भारतीयों के खून को बचाएं। बता दें कि संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही के दौरान गलत व्यवहार के कारण 27 सांसदों को निलंबित किया गया है। इसनमें 23 राज्य सभा और 4 लोकसभा से हैं।
राज्यसभा में नियम 255 और 256 में सभापति को सदस्यों के निलंबन से संबंधित शक्ति दी गई है। लोस अध्यक्ष को यह शक्ति सदन की रूलबुक के नियम 373 व 374 के तहत मिली है। संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ने कहा, सदन को सुचारू रूप से न चलने देना देश के साथ अन्याय है। इसलिए निलंबन की कार्यवाही सही कदम है। सदनों को इस संबंध में स्वत: निलंबन की व्यवस्था का पालन भी करना चाहिए। बताया कि सांसदों को निलंबन अवधि का भत्ता नहीं मिलता है।
बता दें कि निलंबन को रद करने का अधिकार अध्यक्ष और सभापति के पास होता है। निलंबन के खिलाफ प्रस्ताव भी सदन में लाया जा सकता है। प्रस्ताव पास होने की स्थिति में निलंबन स्वत: हट जाता है। इससे पहले 1989 में राजीव गांधी सरकार के दौरान कई सांसद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या पर ठक्कर कमीशन की रिपोर्ट को संसद में रखे जाने पर हंगामा कर रहे थे। हंगामे के बाद विपक्ष के 63 सांसदों को निलंबित किया गया था।