अलवर में चुनाव से पहले हिंदू लड़के की हत्या, कहीं बिगाड़ न दे कांग्रेस का गेम

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Rajasthan Assembly election 2023: आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर देश का चुनावी माहौल गरमा रहा है. रैलियां, नारे और लोक लुभावन चुनावी वायदों की झड़ी के बीच सियासी पारा लगातार चढ़ रहा है. यहां बात रजवाड़ों की धरती यानी राजस्थान की चुनावी रस्साकशी की जो हमेशा से ही रोचक और दिलचस्प रही है. कांग्रेस कह रही कि बीजेपी नफरत की राजनीति करते हुए देश को हिंदू-मुस्लिम में बांट रही है. विपक्ष का लगातार कहना है बीते 9 सालों में देश का ‘संघवाद खतरे में है’. कांग्रेस के नेता मानो मशहूर शायर राहत इंदौरी का मशहूर पंक्तियां गुनगुना रहे हैं. सरहदों पर बहुत तनाव है क्या, कुछ पता करो कहीं चुनाव है क्या?

चुनाव आते ही देश में हिंदू-मुसलमान की सियासत शुरू हो गई है?

राजस्थान में बीजेपी कांग्रेस को करप्शन के मुद्दे पर घेर रही है. तो कांग्रेस उस पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगा रही है. ऐसी बातों और दावों के बीच विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान के अलवर में तनाव पैदा हो गया है. शहर में एक हिंदू युवक की हत्या के बाद सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न पैदा हुआ है. दरअसल यहां मुस्लिम समुदाय के कुछ लड़कों ने दो युवकों पर चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. हमले में योगेंद्र जाटव नाम के एक युवक की मौके ही पर ही मौत हो गई, जबकि उसका दोस्त अमित जाटव गंभीर रूप से घायल हो गया. उसकी हालत नाजुक बनी हुई है.

क्या है पूरा मामला?

मामला अलवर के खैरथल का है, जहां इस वारदात में घायल अमित की एक आरोपी मनफेद से कुछ दिन पहले कहासुनी हुई थी. उसने बदला लेने की बात कही थी. जानकारी के मुताबिक उसने घात लगाया और गुरुवार शाम जब अमित दोस्त योगेंद्र के साथ खड़ा था तभी आरोपियों ने अमित पर जानलेवा हमला किया. दोस्त की जान बचाने योगेंद्र आया तो उसे भी चाकुओं से गोद डाला और फरार हो गए. कत्ल के बाद हिंदू समाज में आक्रोश है. सैकड़ों लोगों ने रोड जामकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया. जहां किशनगढ़ बास विधायक दीपचंद खेरिया पहुंचे और प्रशासन से आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की. ग्रामीणों का कहना है जब तक आरोपी पकड़े नहीं जाएंगे तब तक वो शव का अंतिम संस्कार नही करेंगे. अब इस वारदात के बाद उदयपुर के टेलर कन्हैया की हत्या का प्रकरण भी एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है.

उदयपुर में क्या हुआ था?

जून 2022 में राजस्थान के उदयपुर (Udaipur) की मालदास स्ट्रीट में सुप्रीम टेलर्स नाम की दुकान चलाने वाले 40 साल के टेलर कन्हैयालाल की दो लोगों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी. फिर सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर हत्या की बात भी कबूल की थी. ये ऐसा केस था जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. कन्हैयालाल की हत्या (Kanhaiya Lal Murder) को करीब सवा साल का वक्त हो चुका है. दोनों आरोपी जेल में बंद हैं लेकिन अभी तक यह केस कोर्ट में चल रहा है. कन्हैया ने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट पर तत्कालीन बीजेपी नेता नुपुर शर्मा का समर्थन किया था, जिन्होंने पैगंबर मोहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. हालांकि बाद में उन्होंने माफी भी मांगी थी और बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. रियाज़ और गौस ने कन्हैयालाल की बात को अनसुना करते हुए पहले कन्हैयालाल को धमकाया था दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए. फिर वे दोनों वहां से चले गए. बाद में उसके कत्ल से देशभर में हलचल मच गई थी.

बीजेपी Vs कांग्रेस

बीजेपी कहती है कि कांग्रेस 70 सालों में मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीत करती आई है. इसके जवाब में कांग्रेस कहती है कि बीजेपी वोटों का ध्रुवीकरण चाहती है, बीजेपी हिंदुत्व की राजनीति करती है. ऐसा इसलिए क्योंकि बीते 10 सालों में देश में जातिगत वोट बैंक के साथ एक नया शब्द ‘हिंदू वोट बैंक’ तेजी से चर्चा में आया है. चुनावों के दौरान इसकी खूब चर्चा होती है. इसका इस्तेमाल विरोधी नेताओं को टारगेट करने और सॉफ्ट हिंदुत्व की चर्चा के बीच प्रमुखता से किया जाता है.