मुज़फ्फरनगर: शहर में लगे होर्डिंग्स अवैध, अनुमोदन का समय समाप्त

Muzaffarnagar: Hoardings put up in the city are illegal, time for approval expired
इस खबर को शेयर करें

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की ओर से शहर में विज्ञापन प्रचार और प्रसार के लिए दी गई विशेष स्वीकृति 30 अप्रैल को खत्म हो जाने के बाद शहर में लगे होर्डिंग और यूनीपोल अवैध हो गए हैं। पालिका ने समयावधि समाप्त होने से पहले ही विज्ञापन एजेंसियों को नोटिस जारी करते हुए अवैध होर्डिंग और यूनीपोल हटाने के लिए कहा था। ईओ प्रज्ञा सिंह ने कर विभाग से अवैध होर्डिंग और यूनीपोल के संबंध में अभियान चलाने के निर्देश जारी करते हुए रिपोर्ट मांगी है।

नगर पालिका में यूनिपोल और होर्डिंग का अभी तक कोई ठेका नहीं छोड़ा गया है। आचार संहिता लगने के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। 31 मार्च के बाद शहर में लगे सभी होर्डिंग और यूनिपोल अवैध हो गए थे। लोकसभा चुनाव को लेकर कुछ विज्ञापन एजेंसियों ने पालिका प्रशासन से चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के प्रचार-प्रसार के लिए एक माह की विशेष अनुमति ले ली थी, जो कि 30 अप्रैल को समाप्त हो गई।

इसी बीच पालिका की कार्यवाहक कर अधीक्षक पारुल यादव ने नगरीय क्षेत्र में विज्ञापन प्रचार प्रसार के लिए काम कर रही पंजीकृत 19 विज्ञापन एजेंसियों को नोटिस जारी किया गया था। इसमें चेतावनी दी गई थी कि यदि शहर में कहीं भी अवैध रूप से होर्डिंग या अन्य विज्ञापन प्रचार सामग्री लगवाई गई है तो उसे तुरंत हटा लें। 30 अप्रैल को विशेष अनुमति भी समाप्त होने पर पालिका की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई कार्यवाही की जाएगी।

कार्यवाहक कर अधीक्षक पारुल यादव ने बताया कि तीनों राजस्व निरीक्षकों के संयुक्त नेतृत्व में नगरीय क्षेत्र में अभियान चलाने के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। एक ही टीम इसके लिए समन्वय बनाकर काम करेगी। यह टीम सबसे पहले अवैध होर्डिंग और यूनीपोल को चिह्नित करेगी। इसके बाद इसके लिए संबंधित विज्ञापन एजेंसी को नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक मई से ही विज्ञापन एजेंसियों के लिए नवीनीकरण भी प्रारंभ कर दिया गया है, लेकिन यह नवीनीकरण केवल पूर्व में स्वीकृत स्थानों के लिए ही एजेंसियों को दिया जाएगा। अभी फिलहाल शहर में लगे तमाम होर्डिंग और यूनीपोल अवैध हैं।

अभी किसी के पास स्वीकृति नहीं: ईओ
ईओ प्रज्ञा सिंह ने बताया कि 30 अप्रैल के बाद अब किसी भी विज्ञापन एजेंसी के पास पालिका से स्वीकृति नहीं है, ऐसे में सभी होर्डिंग अवैध हो चुके हैं। टीम का गठन कर दिया गया है। कर विभाग से जल्द से जल्द अवैध होर्डिंग को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है।