मुजफ्फरनगर। नलकूप खंड कार्यालय की अलमारी में जीपीएफ के दस्तावेज जलाए जाने के मामले में गठित की गई तीन सदस्यीय टीम ने जांच शुरू कर दी है। अलमारी खुलवाकर जांच शुरू की। छह कर्मचारियों के बयान लिए गए हैं। बुधवार को फिर से टीम पहुंचकर बाकी कर्मचारियों के बयान लेगी।
अधीक्षण अभियंता सहारनपुर अनिल शर्मा ने विस्तृत जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की थी। अधिशासी अभियंता नलकूप खंड सहारनपुर के अधिशासी अभियंता राकेश कपूर, अधिशासी अभियंता निर्माण खंड मुजफ्फरनगर राकेश कुमार और नलकूप खंड मुजफ्फरनगर के लेखाधिकरी सचिन वर्मा ने सोमवार को जांच की। अनुष्ठान विभाग के गेट पर लगाई गई सील हटवाई गई। जिस अलमारी में आग लगाई गई थी उसे खुलवाकर देखा गया। अलमारी से बरामद सामान की सूची तैयारी की गई है। अधिशासी अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि जांच शुरू हो गई है। सोमवार को छह कर्मचारियों के बयान लिए गए हैं।
ये है मामला
मेरठ रोड पर डीएम आवास के पास नलकूप खंड कार्यालय है। कार्यालय की एक अलमारी में आग लगने के मामले ने तूल पकड़ लिया। आरोप है कि नलकूप चालक नरेश चंद को दस्तावेजों में चौकीदार दर्शाकर नई पेंशन स्कीम के चलते 13.20 लाख का भुगतान कर दिया गया है। जबकि नरेश ने कोषागार में इस संबंध में आवेदन नहीं किया है। आग लगाने के पीछे जीपीएफ घोटाले की आशंका है। मुंशी विशाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। विभाग ने मुंशी को निलंबित कर दिया था।